Kanpur: ‘अभी मैं जिंदा हूं, तीन घंटे तक चबूतरे पर बैठाया’, विधायक इरफान ने कोर्ट में और क्या-क्या कहा...यहां पढ़ें

Kanpur: ‘अभी मैं जिंदा हूं, तीन घंटे तक चबूतरे पर बैठाया’, विधायक इरफान ने कोर्ट में और क्या-क्या कहा...यहां पढ़ें

कानपुर, अमृत विचार। सपा विधायक इरफान सोलंकी पर आगजनी मामले में सोमवार को आने वाला फैसला एक बार फिर टल गया। कोर्ट ने कहा अभियोजन व बचाव पक्ष की ओर से दाखिल की गई लिखित बहस को पढ़ कर समायोजित करने में समय लग रहा है, जिस कारण अगली सुनवाई की तिथि तीन जून निर्धारित की गई। 

सुनवाई के दौरान सपा विधायक को महाराजगंज जेल से कोर्ट में पेश किया गया। पेशी की दौरान सपा विधायक ने तल्खी जाहिर करते हुए कहा कि अभी मैं जिंदा हूं...। तीन घंटे तक पुलिस लाइन में पेड़ के नीचे चबूतरे पर बैठाया गया है। इंसाफ होकर रहेगा।

एमपीएमएलए सेशन सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी की कोर्ट में सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत 12 आरोपियों के खिलाफ मामला विचाराधीन है। इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान, शौकत पहलवान, मो. शरीफ, इजरायल आटेवाला का बीते एक मार्च को ट्रायल पूरा हो चुका है। सोमवार को कोर्ट में निर्णय सुनाना था, जिसके लिए सपा विधायक समेत सभी आरोपियों को तलब किया गया था। 

सपा विधायक को दोपहर करीब 12 बजे पुलिस शहर लेकर पहुंची, लेकिन कोर्ट ने तीन बजे के बाद सुनवाई का निर्देश दिया। जिस पर पुलिस ने तीन घंटे तक इरफान सोलंकी को पुलिस लाइन में बिठा कर रखा। इस दौरान वह एक पेड़ के नीचे चबूतरे पर बैठे दिखे, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। दोपहर तीन बजे इरफान कोर्ट परिसर पहुंचे, उनको देखते ही पत्नी नसीम सोलंकी उनके गले लग कर रोने लगीं। 

इसके बाद इरफान बेटी का हाथ पकड़ कर कोर्ट पहुंचे। मीडिया कर्मियों के सवाल के दौरान सपा विधायक ने कहा कि अभी मैं जिंदा हूं... इंसाफ होकर रहेगा। एडीजीसी भास्कर मिश्रा ने बताया कि अभियोजन व बचाव पक्ष की ओर से कुल 75 पन्नों की लिखित बहस दाखिल की गई है। समग्र बहस को पढ़ कर उसे समायोजित करने में कुछ समय लग रहा है, जिस कारण कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि तीन जून निर्धारित की।

पानी तक नहीं पीने देते 

इरफान सोलंकी ने कोर्ट के सामने अपना दर्द बयां किया। उन्होंने कहा कि करीब साढ़े चार सौ किलोमीटर के रास्ते में पुलिसकर्मी इस भीषण गर्मी में उन्हें पानी तक नहीं पीने देते है। तीन-तीन घंटे तक पुलिस लाइन में बैठा कर रखते हैं, परिवार वालों से मिलने तक नहीं देते। विधायक के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने कहा कि सपा विधायक ने पेशी के दौरान पुलिस के खराब व्यवहार का कोर्ट में जिक्र किया, जिसे कोर्ट ने अमानवीय करार देते हुए उचित व्यवहार करने के निर्देश दिए।

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