शैक्षिक कैलेंडर पर रहेगा जोर, यूपी के राजकीय इंटर कॉलेजों में सुधरेगी शैक्षिक गुणवत्ता, विभाग की ये है तैयारी

अमृत विचार लखनऊ। (एक्सक्लूसिव) यूपी में राजकीय और सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए कैलेंडर के अनुसार शिक्षण कार्य पर ज्यादा जोर दिया जायेगा। ताकि सत्र 2024-25 की यूपी बोर्ड परीक्षा में बेहतर परिणाम दिखाई पड़े। इसके लिए सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों और मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशकों को माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से दिशा निर्देश जारी किए गये हैं कि नये शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार हर हाल में कक्षा में पढ़ाई हो। माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से इस बार नया शैक्षिक कैलेंडर पिछले अप्रैल माह में ही जारी कर दिया गया था।
ऐसे में उच्च अधिकारियों का कहना है कि शैक्षिक कैलेंडर सिर्फ पोस्टर तक ही न सीमित रह जाये इस पर सख्ती से अमल कराया जायेगा। बता दें कि यूपी बोर्ड 2024 के परीक्षा परिणाम में निजी कॉलेजों से सरकारी कॉलेज पीछे रहे गये थे यहां तक एक भी टॉपर नहीं था। इस संबंध में अमृत विचार ने प्रमुखता से मुद्दा भी उठाया था जिसके बाद से विभाग हरकत में आया है।
अधिकारी करेंगे निरीक्षण में परखेंगे गुणवत्ता
सरकारी व एडेड कॉलेजों में शैक्षिक गुणवत्ता को परखने के लिए नये सत्र में अधिकारियों की ओर से निरीक्षण भी किए जायेंगे। निरीक्षण के दौरान शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार पढ़ाई हो रही इसकी सच्चाई भी परखी जायेगी। जहां लापरवाही मिलेगी वहां पर प्रधानाचार्यों की जिम्मेदारी तय की जायेगी।
समय से शिक्षकों को देनी होगी उपस्थिति
कॉलेजों में शिक्षकों को समय से अपनी उपस्थिति देनी होगी। नये सत्र में राजकीय के साथ-साथ एडेड कॉलेजों में भी सख्ती होगी। विभाग की ओर से शिक्षकों की आनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी है इसके साथ ही नामांकन संख्या बढ़ाने पर भी जोर रहेगा।
मान्यता प्राप्त विषयों का ब्योरा लगाना होगा गेट पर
माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से मान्यता प्राप्त निजी इंटर कॉलेजों में भी जिस विषय की मान्यता वहीं उसी विषय से प्रवेश ले सकेंगे। मान्यता प्राप्त विषयों का ब्योरा कॉलेज के गेट पर लगाना होगा। जो कॉलेज मनमानी करेंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी। इस संबंध में भी निदेशालय की ओर से निर्देश जारी किए गये हैं।

"कॉलेजो में शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने के लिए नये सत्र में विशेष ध्यान दिया जायेगा। नये सत्र के जारी शैक्षिक कैलेंडर पर ध्यान देना होगा। शिक्षकों की भी समय से उपस्थिति सुनिश्चित की जायेगी"
डॉ महेन्द्र देव निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग