कासगंज: 'दो चरणों के चुनाव में भाजपा ने लगाई सेंचुरी, घमंडी गठबंधन हुआ समाप्त', अमित शाह का हमला

केंद्रीय गृहमंत्री बोले कांग्रेस और सपा नहीं चाहती थी बने राम मंदिर 

कासगंज: 'दो चरणों के चुनाव में भाजपा ने लगाई सेंचुरी, घमंडी गठबंधन हुआ समाप्त', अमित शाह का हमला

कासगंज, अमृत विचार। देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और सपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि उन्होंने कभी राम मंदिर बनने ही नहीं दिया। 70 साल तक वे राम मंदिर को लटकाए रहे, भटकाए रहे और अटकाए रहे। उनकी मानसिकता देश के राम भक्तों के प्रति सदैव खराब रही। अब मैं पूछना चाहता हूं कि जिन्होंने राम भक्तों पर गोली चलाई उन्हें वोट मिलना चाहिए या जिन्होंने राम मंदिर बनवाया है उन्हें वोट मिलना चाहिए। उनके सवाल पर जनसभा में मौजूद भीड़ ने राम मंदिर बनवाने वालों का समर्थन किया।

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बारह पत्थर मैदान में आयोजित जनसभा में केंद्रीय गृहमंत्री ने सबसे पहले राजवीर सिंह राजू भैया के लिए एटा-कासगंज लोकसभा क्षेत्र से जीत के लिए समर्थन मांगा, फिर बोले इस बार चुनाव दो खेमे में हैं। एक राम भक्तों पर गोली चलाने वालों का, एक राम मंदिर बनाने वालों का। कांग्रेस पार्टी के राहुल बाबा और अखिलेश की पार्टी ने राम मंदिर को बनने में पूरा रोड अटकाया, लेकिन 5 अगस्त 2020 को देश के प्रधानमंत्री ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भूमि पूजन किया और इसी वर्ष 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कर दी। कह दिया जय श्री राम। 
उन्होंने कहा कि अखिलेश, राहुल, सोनिया, खड़गे, डिंपल को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण दिया गया, लेकिन वहां कोई नहीं गया। जानते हैं क्यों नहीं गया, क्योंकि उन्होंने कारसेवकों पर गोलियां चलवाई थी। 

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गृहमंत्री ने कहा कि एक समय था जब उत्तर प्रदेश की जनता गुंडो के डर से पलायन करती थी, लेकिन योगी सरकार में उत्तर प्रदेश से गुंडे पलायन कर गए। समाजवादी पार्टी जिनकी गोद में बैठी है वह कांग्रेस पिछड़े और गरीबों की विरोधी पार्टी है। पिछड़ा वर्ग को हमेशा भाजपा ने सम्मानित किया। 

कासगंज की बारह पत्थर मैदान पर पहुंचे अमित शाह कुछ अलग ही अंदाज में दिखाई दिए। पहले भारत की मां की जयकार, वंदे मातरम और श्रीराम के जयकारे लगवाए, फिर शुरू कर दिए सवाल। पूछा मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है या नहीं, 400 पार कराना है या नहीं, उत्तर प्रदेश में 80 में से 80 सीट दिलाना है या नहीं सभी का जोश से जवाब मिला। फिर याद आए पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जिन्हें पूरा देश बाबू के नाम से जानता है। कहा कि बाबूजी की कर्मभूमि को नमन है। एटा में इसलिए नहीं आया हूं कि सिर्फ राजनीति करनी है बल्कि कल्याण सिंह की कर्मभूमि पर आकर धन्य मान रहा हूं। फिर क्या था थोड़ी देर बाद अमित शाह अन्य मुद्दों पर शुरू हो गए।

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उन्होंने कहा कि गरीबों को मुक्त राशन देने का काम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं और फिर तीसरी बार चुनाव जीतने के बाद 2029 तक गरीबों को राशन मिलता रहेगा। हर घर नल से जल, गरीबों के घर रसोई गैस चूल्हा, हर साल लाखों रुपए का इलाज करने का काम भी भाजपा सरकार द्वारा ही किया गया है। 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा शासन के दौरान हुए दंगों में पलायन का मुद्दा रहा हो या फिर लोगों की जनसुविधाओं का मुद्दा, सभी पर शाह जमकर बरसे। हर पल वे संवाद के जरिए जनसभा में मौजूद लोगों से उत्साह की था लेते रहे। कश्मीर का नाम न लेते हुए इशारा करते हुए बोले जहां बम के गोले फोड़े जाते थे आज वहां मोदी सरकार में देश की रक्षा के लिए बम तैयार करने की फैक्ट्रियों पर कार्य चल रहा है।

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मंच पर छाया रहा अयोध्या का राम मंदिर
गृहमंत्री अमित शाह की जनसभा में जय श्रीराम की गूंज रही। गृहमंत्री ने राम मंदिर पर लोगों को जोड़ने का कार्य किया। उन्होंने सपा और कांग्रेस के गठबंधन को घेरते हुए यह भी कहा कि इन शहजादों में राम मंदिर बनने का पूरा विरोध किया। सिर्फ गृहमंत्री ही नहीं बल्कि अन्य नेताओं की जुबां पर राम मंदिर छाया रहा। गृह मंत्री ने कहा कि जहां हम खड़े हैं वह उन्हीं बाबू की कर्मभूमि है जिन्होंने राम मंदिर के लिए अपनी सत्ता ठुकरा दी थी। सपा ने कारसेवकों पर गोलियां चलाई और कल्याण सिंह ने भगवान श्रीराम मंदिर के लिए सत्ता का त्याग किया।

जब शाह बोले स्वागत से पहले प्रत्याशी का कराओ संबोधन
गृहमंत्री अमित शाह जैसे ही मंच पर पहुंचे तो संचालक ने अमित शाह के स्वागत के लिए आमंत्रण की शुरूआत की तो गृहमंत्री ने रोक दिया। संचालक की ओर इशारा किया फिर भाजपा प्रत्याशी राजवीर सिंह की ओर इशारा करते हुए कहा कि इनका संबोधन कराईए। इसके बाद सीधे राजवीर सिंह का संबोधन हुआ और अमित शाह के संबोधन के बाद फिर उनका स्वागत हुआ।

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