बरेली: विधवा पेंशन का समाने आया नया घोटाला, DPO कार्यालय में ही दबी पड़ी 300 से ज्यादा संदिग्ध लाभार्थियों की लिस्ट

शब्या सिंह तोमर, बरेली। रामनगर ब्लॉक के गोठा खंडुवा गांव में पिछले साल 46 महिलाओं को विधवा पेंशन दिए जाने के मामले का पर्दाफाश होने के बाद जिले भर में विधवा पेंशन की लाभार्थियों के सत्यापन का आदेश दिया गया था लेकिन इस सत्यापन को कागजों पर ही निपटा दिया गया। अब इसकी वजह भी साफ हो रही है। बाल विकास एवं महिला कल्याण विभाग में ही ऐसी लिस्ट चर्चा में है जिसमें शामिल तीन सौ से ज्यादा लाभार्थियों को फर्जी बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि अगर ठीक से सत्यापन कराया गया होता तो इतनी बड़ी संख्या में विधवा पेंशन ले रही फर्जी लाभार्थियों का भी खुलासा हो गया होता।
यह लिस्ट हाथ लगने के बाद अमृत विचार ने खुद छानबीन की तो इस बात की पुष्टि हुई कि इसमें शामिल तमाम महिलाएं पतियों के जीवित होते हुए भी पेंशन ले रही हैं। तमाम महिलाएं ऐसी भी हैं जिनके बैंक खाते में पेंशन तो भेजी जा रही है लेकिन विभागीय रिकॉर्ड में उनके पते फर्जी हैं। यही नहीं हरिजन मोहल्ला जैसे कई ऐसे इलाकों का भी पता लिखवाया गया है जो शहर में कहीं हैं ही नहीं। इस लिस्ट में शहर के अलावा जिले के आलमपुर जाफराबाद, रामनगर, बिशारतगंज, क्यारा, मझगवां, सिरौली और मीरगंज ब्लॉक की महिलाओं के नाम शामिल हैं। इनकी कुल संख्या 315 है। इन सभी के खातों में लगातार पेंशन की धनराशि भेजी जा रही है।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक इस पूरी लिस्ट में विधवा पेंशन की फर्जी लाभार्थियों के ही नाम शामिल हैं। लिस्ट के मुख्य पेज पर ऊपर अति आवश्यक लिखा हुआ है। लिस्ट कब और किसके आदेश पर बनी, और इसे बनाने का मकसद क्या था, यह कुछ साफ नहीं है। हालांकि लिस्ट में लाभार्थियों के सारे नाम, उनके रजिस्ट्रेशन नंबर, पति के नाम और पते हाथ से लिखे गए हैं, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि यह लिस्ट अनाधिकारिक तौर पर बनाई गई है। लिस्ट में कुछ महिलाओं और उनके पति के तो नाम हैं लेकिन पता नहीं है।
अमृत विचार के काफी छानबीन करने के बाद अपुष्ट सूत्रों से इतना ही पता चला कि इस लिस्ट में शामिल लाभार्थियों को करीब चार साल से पेंशन दी जा रही है। इसमें लगभग सारे नाम फर्जी लाभार्थियों के ही हैं और इसे विभागीय अधिकारियों ने व्यक्तिगत रिकॉर्ड रखने के लिए ही बनवाया था।
अमृत विचार ने की दर्जन भर लाभार्थियों के बारे में छानबीन, सभी फर्जी निकलीं
अमृत विचार ने लिस्ट में शामिल करीब दर्जन भर लाभार्थियों के बारे में छानबीन की जिसमें ये सभी फर्जी पाई गईं। लिस्ट में आलमपुर जाफराबाद ब्लॉक के गांव बहजुइया की दो लाभार्थी माया और साक्षी का नाम था। गांव के प्रधान मदन सिंह ने बताया कि माया के पति बुद्धपाल हैं और साक्षी के सतेंद्र पाल। ये दोनों ही जीवित हैं।
इसी तरह आलमपुर जाफराबाद के ही गांव बडरई कुइयां गांव की प्रेमवती के पति धर्मपाल फौजी भी जीवित पाए गए। गांव के सतीश सिंह ने बताया कि धर्मपाल अपना कामकाज भी करते हैं। इसी ब्लॉक के गांव बाकरगंज की लाभार्थी शकुंतला के पति कृष्णपाल भी जीवित पाए गए।
विभागीय पोर्टल में लगी तस्वीरों में भी सुहागन
लिस्ट में शामिल लाभार्थियों के पेमेंट स्टेटस की जांच करने पर पता चला कि उनके खातों में हर तिमाही पेंशन की राशि जा रही थी। दिलचस्प यह है कि विभाग के पीएफएमएस एकाउंट वैलिडेशन स्टेटस पर तमाम महिलाओं की जो तस्वीर लगाई गई हैं, उनमें भी वे साफ तौर पर सुहागन दिख रही हैं।
तमाम लाभार्थियों के पते भी गलत, कई के नाम के आगे पता ही नहीं
क्यारा ब्लॉक के गांव हिडौलिया भोलापुर के पते पर हरिओम की पत्नी दुर्वेश कुमारी को पेंशन मिल रही है लेकिन गांव में उनका पता ही नहीं लगा। प्रधान के पति रामविलास ने बताया कि इस नाम की लाभार्थी उनके गांव में नहीं है। आलमपुर जाफराबाद ब्लॉक के बभियाना गांव के तेज सिंह की पत्नी नारायण देवी का भी पता गलत निकला। पूर्व प्रधान रईस अहमद ने इस नाम की महिला ही गांव में होने से इन्कार कर दिया।
इसी ब्लॉक के गांव वनारा के प्रधान ने भी गुड्डी पत्नी जयप्रकाश नाम की कोई लाभार्थी होने से इन्कार कर दिया। अलीनगर में लक्ष्मी पत्नी धर्मपाल का पता नहीं मिला। आलमपुर जाफराबाद के प्रधान कुंवरपाल ने गांव में राजनीति पत्नी रघुनाथ सिंह नाम की कोई महिला होने से इन्कार कर दिया। इसी ब्लाक के गांव बागरपुर में प्रेमवती पत्नी गजराज सिंह नाम की कोई लाभार्थी नहीं मिली।
लिस्ट में शामिल नाम रीता पत्नी परमेश्वरी, सविता पत्नी वीरेश, मंजू पत्नी ढाकन लाल, सोनी पत्नी विधाराम, प्रेमवती पत्नी मोहन लाल, साया सक्सेना पत्नी विशाल सक्सेना, नत्थो पत्नी मुन्नालाल समेत कई लाभार्थियों के पते ही नहीं लिखे हैं। कई महिलाओं का पता शहर का दिखाया गया है लेकिन पेंशन देहात के बैंक खातों में भेजी जा रही है। ऐसी ही एक लाभार्थी किरनदेवी हैं जिनका पता कैंट का गोला बाजार लिखा है लेकिन बैंक एकाउंट अलीगंज की पीएनबी शाखा में है।
गोठा खंडुवा के मामले में तत्कालीन डीएम ने ही करा दी थी लीपापोती
दिसंबर 2023 में रामनगर ब्लॉक के गांव गोठा खंडुवा में भी भारी संख्या में सुहागिन महिलाओं के विधवा पेंशन लिए जाने के मामले का खुलासा हुआ था। प्रशासन के तत्कालीन अधिकारियों ने काफी शिकायतों के बाद बमुश्किल इसकी जांच कराई तो 46 ऐसी महिलाएं सामने आईं जो पतियों के जीवित होते हुए भी विधवा पेंशन ले रही थीं।
हालांकि तत्कालीन डीएम ने इस मामले में दोषी पाए गए सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में दिलचस्पी नहीं ली। इसी बीच जिले में आए नए डीएम रविंद्र कुमार की जानकारी में मामला आया तो उसकी दोबारा जांच हुई और कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई। इसी दौरान जिले के बाकी सभी ब्लॉकों में भी विधवा पेंशन की लाभार्थियों की जांच का आदेश दिया गया था लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।
हमारे पास ऐसी किसी लिस्ट की कोई सूचना नहीं है। अगर कोई लिस्ट मिलेगी तो उसकी जांच कराई जाएगी।रामनगर ब्लॉक के गोठा खंडुवा मामले में अधिकांश अपात्र महिलाओं से धनराशि वापस ली जा चुकी है--- मोनिका राणा, जिला प्रोबेशन अधिकारी।
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