कासगंज: फूल की खुशबू और साइकिल की रफ्तार के बीच जाने कहां खो गई हाथी की चिंघाड़

टिकट वितरण से लेकर चुनाव प्रचार तक पिछड़ी नजर आ रही बसपा 

कासगंज: फूल की खुशबू और साइकिल की रफ्तार के बीच जाने कहां खो गई हाथी की चिंघाड़

कासगंज, अमृत विचार। कासगंज-एटा लोकसभा चुनाव के मैदान में सत्तादल भाजपा, सपा, बसपा सहित कुल 10 प्रत्याशी मैदान में है। जबकि अब मतदान की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इसके बावजूद अभी तक बसपा का शोर-शराबा दिखाई नहीं दे रहा है। फूल की खुशबू और साइकिल की रफ्तार के बीच हाथी की चिंघाड़ जाने कहां खो गई है। टिकट वितरण से लेकर चुनाव प्रचार में भी बसपा पिछड़ती नजर आ रही है। भाजपा और सपा के राष्ट्रीय नेता चुनावी रैलियां कर चुके हैं जबकि बसपा से किसी भी राष्ट्रीय नेता का अभी तक कोई कार्यक्रम नहीं है। 

एटा-कासगंज लोकसभा परिदृश्य पर यदि दृष्टि दौड़ाई जाए तो तीन प्रमुख दलों के प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं।जबकि अन्य प्रत्याशी मात्र चुनाव की औपचरिकता पूरी करते दिखाई दे रहे हैं, या फिर डमी कैंडिडेट हैं। अब तक की स्थिति पर दृष्टिपात किया जाए तो देखने में आ रहा है सत्तादल भाजपा और समावजादी पार्टी के प्रत्याशी पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में जोर आजमाइश कर रहे हैं। जबकि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी का शोर-शराबा सुनाई दे रहा है। 

टिकट वितरण में भी बहुजन समाज पार्टी पीछे रही। सबसे समाजवादी पार्टी ने देवेश शाक्य को अपना प्रत्याशी बनाया। देवेश शाक्य एटा-कासगंज लोकसभा क्षेत्र के पार्टी प्रभारी रही थे। देवेश शाक्य की टिकट फाइनल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने भी वर्तमान सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह को तीसरी बार मैदान में उतार दिया। टिकट वितरण में बसपा सबसे पीछे रही। बसपा ने इमरान अली एडवोकेट को अपना प्रत्याशी बनाया है। जबकि चुनाव प्रचार की बात कहें तो सपा और बसपा के प्रत्याशी इनके संगठन और कार्यकर्ता जोर-शोर से लगे हुए हैं। 

बीती 23 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और 28 अप्रैल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में रैलियां कर चुके हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेश चौधरी भी बीते दिन कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुनाव की व्यवस्थाओं को रफ्तार दे गए। वहीं समाजवादी पार्टी के ओर से 26 अप्रैल को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीर्थ नगरी सोरों में देवेश शाक्य के समर्थन में रैली को संबोधित किया। 

समाजवादी पार्टी के चुनाव प्रचार की बागडोर लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मयंक यादव एवं पूर्व राज्यमंत्री मानपाल सिंह संभाले हुए हैं। अब जबकि मतदान की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। एटा-कासगंज लोकसभा में सात मई को मतदान होगा। ऐसे में चुनाव प्रचार के दृष्टि बसपा पिछड़ती दिखाई दे रही है। किसी भी राष्ट्रीय नेता का कार्यक्रम अभी तक निर्धारित नहीं हुआ है। फूल की खुशबू और साइकिल की रफ्तार के बीच हाथी की चिंघाड़ सुनाई नहीं दे रही है।

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