पीलीभीत: आंखों से खेलते निजी ऑप्टिकल सेंटर, चिकित्सकों के परीक्षण किए बिना ही मरीजों को लगा रहे नजर का चश्मा

पीलीभीत: आंखों से खेलते निजी ऑप्टिकल सेंटर, चिकित्सकों के परीक्षण किए बिना ही मरीजों को लगा रहे नजर का चश्मा

पीलीभीत, अमृत विचार। शहर में बड़ी संख्या में संचालित प्राइवेट ऑप्टिकल सेंटर बिना पंजीकरण और बिना ट्रेड स्टाफ के द्वारा चलाए जा रहे हैं। जहां बिना परीक्षण के लिए जैसे-तैसे जांच कर लोगों को नजर का चश्मा पहना दिया जा रहा। जोकि आंखों के लिए घातक हो सकता है। जबकि नेत्र रोग विशेषज्ञों की राय है कि बिना चिकित्सक के परीक्षण के चश्मे का नंबर देना खतरे से खाली नहीं है। मगर स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन सेंटरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

अकेले पीलीभीत शहर में ही 80 से अधिक चश्मा बनाने वालों की दुकानें हैं। अधिकांश दुकानों पर मशीनों के जरिये अनट्रेंड स्टाफ जांच करता है। सामान्य तौर पर चश्में की दुकान चलाने वालों को केवल चश्मा बनाने का अधिकार है, जोकि नेत्र रोग विशेषज्ञ के बताए नंबर का चश्मा बनाकर दे सकते हैं। लेकिन यहां पूरा ठेका दुकानदारों ने ही ले रखा है। 

हैरानी की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग इनकी कभी जांच भी नहीं करता है। ऐसे में अधिकतर चश्मे की दुकानों पर अनट्रेंड स्टाफ बिना किसी डिग्री, डिप्लोमा के आंखों की जांच करते हैं। चश्मा भी पहना देते हैं। इतना ही नहीं चश्में का नंबर ठीक होने के बाद भी ऑप्टिकल सेंटर वाले रुपये के लालच में उन्हें चश्मा लगा देते हैं। जिस वजह से लोगों की आंखें खराब हो रही है। इतना नहीं नहीं निचले स्तर पर साठगांठ के चलते कोई कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग की ओर से नहीं की जाती है। इसलिए निजी ऑप्टिकल सेंटर वाले स्वास्थ्य विभाग को आंखे दिखते हुए धड़ल्ले से आंखों पर चश्मा चढ़ा रहे हैं।

डॉक्टर के बिना नहीं दे सकते नंबर
चश्मे का नंबर देने के लिए दो साल का ऑप्टोमेट्रिस्ट डिप्लोमा जरूरी है। इसके बाद भी क्वालीफाई ऑप्टोमेट्रिस्ट डॉक्टर की इजाजत के बिना मरीज को आंखों के चश्मे का नंबर नहीं दिया जा सकता। लेकिन शहर की अधिकांश चश्मा दुकानों पर ऑप्टोमेट्रिस्ट डिप्लोमाधारी स्टाफ नहीं है। उन्होंने आंखें चेक करने वाली मशीन लगा रखी है।

बिना पंजीकृत अस्पतालों और सेंटरों पर समय-समय पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है। अगर बिना प्रशिक्षित स्टाफ के सेंटर चल रहे हैं,तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी - डॉ. आलोक कुमार,  सीएमओ।

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