Exclusive: तारीख पर तारीख...नहीं कराईं MBBS परीक्षाएं, सैकड़ों छात्र-छात्राएं परेशान, जानिए- इसके पीछे की वजह
कानपुर में चार मेडिकल कॉलेजों के सैकड़ों एमबीबीएस छात्र-छात्राएं परेशान
कानपुर, (विकास कुमार)। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर (सीएसजेएमयू) से संबद्ध जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर समेत चार मेडिकल कॉलेजों में सत्र 2023-24 की एमबीबीएस की परीक्षाएं (फाइनल पार्ट प्रथम, मिनी प्राफ) तय समय पर नहीं हो सकीं। जबकि पहले जनवरी और इसके बाद अप्रैल माह में परीक्षा की तिथि घोषित हुई थी।
परीक्षा न होने से इन मेडिकल कॉलेजों में अध्ययनरत एमबीबीएस छात्र-छात्राएं परेशान हैं क्योंकि इन पर अगले सत्र का भी भार बढ़ रहा है। सीएसजेएमयू प्रबंधन ने अब तीसरी बार परीक्षा की तिथि एक मई निर्धारित की है। सीएसजेएमयू से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर, सरस्वती मेडिकल कॉलेज, उन्नाव और हिंद मेडिकल कॉलेज (सीतापुर, लखनऊ) संबद्ध हैं।
इनमे जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज सरकारी है और सरस्वती व हिंद के दोनों मेडिकल कॉलेज प्राइवेट श्रेणी के हैं। जीएसवीएम के एक बैच में एमबीबीएस की 250, सरस्वती में 150 और हिंद के दोनों कॉलेजों में करीब 300 सीटें हैं। इन मेडिकल कॉलेजों में सत्र 2023-24 की एमबीबीएस की परीक्षा अभी तक नहीं हो सकी है। जबकि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ने नवंबर माह में एमबीबीएस की परीक्षा कराने का प्रस्ताव सीएसजेएमयू को भेजा था। तब कॉलेज में परीक्षा 22 जनवरी से 29 जनवरी तक प्रस्तावित हुई थी, लेकिन किसी कारणवश परीक्षाएं नहीं हो सकीं। उ
सके बाद सीएसजेएमयू ने नौ अप्रैल को मेडिकल कॉलेजों में परीक्षा कराने का फैसला लिया, लेकिन नौ अप्रैल को भी परीक्षाएं शुरू नहीं हो सकीं। ऐसे में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के पैरा ओ टू के फाइनल पार्ट प्रथम (मिनी प्राफ) के छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि मिनी प्राफ के बाद छात्र-छात्राओं को फाइनल देना होता है।
दोनों परीक्षाओं के बीच करीब एक साल का अंतर होने से छात्र-छात्राओं को अध्ययन का मौका मिल जाता है, लेकिन समय पर परीक्षा नहीं होने से चारों मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं पर पढ़ाई का भार बढ़ रहा है। बता दें कि जीएसवीएम के 2020 बैच पैरा ओ टू के छात्र-छात्राओं की परीक्षा जनवरी माह में होनी थी, जो अप्रैल में भी नहीं हो पाई है।
एक मई से होगी एमबीबीएस की परीक्षा
सीएसजेएमयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि सरस्वती मेडिकल कॉलेज में कुछ विवाद की स्थिति हो गई थी, जिस वजह से उनकी अतिरिक्त कक्षाएं नहीं संचालित हो सकी थीं। कक्षाएं संचालित नहीं होने और छात्र-छात्राओं के अनुरोध पर यह कदम उठाया गया था। साथ ही मेडिकल कॉलेजों को यह भी आदेश दिया गया था कि कि वह दूसरा सेमेस्टर करा सकते हैं। अब एक मई से इन मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की परीक्षा संचालित की जाएगी।
कहीं ये मामला तो नहीं
उन्नाव स्थित सरस्वती मेडिकल कॉलेज में इसी साल कॉलेज प्रशासन द्वारा छात्रों को जबरन फेल करने का मामला प्रकाश में आया था। वहीं, कॉलेज के हॉस्टल में कॉपियां लिखे जाने का मामला भी सामने आया था। इस संबंध में फोटो व वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। मामले की जांच व छात्र-छात्राओं के पूछताछ के बाद कुलपति ने कार्यकारी निदेशक डॉ सौरभ कंवर को निलंबित कर दिया था।
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