अल्मोड़ा: ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक पर लगे आरोपों की जांच शुरू 

अल्मोड़ा: ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक पर लगे आरोपों की जांच शुरू 

अल्मोड़ा, अमृत विचार। जिले के स्याल्दे विकास खंड के गुमटी में स्थित उत्तराखंड ग्रामीण बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक पर फर्जी तरीके से स्वयं सहायता समूहों के ऋण खातों से करीब दस लाख रुपये के हेरफेर के मामले में पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में संबंधित लोगों से पूछताछ के अलावा सभी बैंक खातों की डिटेल भी निकलवाई जा रही है। 

बीते दिवस उत्तराखंड ग्रामीण बैंक गुमटी के शाखा प्रबंधक अनमोल कश्यप द्वारा पुलिस को दी तहरीर में कहा गया था कि बैंक की गुमटी शाखा में महिला समूहों के कई ऋण खाते हैं। जिनमें बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक रानीखेत के चिलियानौला निवासी भुवन चंद्रा ने करीब दस लाख रुपये का हेरफेर किया गया है।

तहरीर में कहा गया है कि पूर्व शाखा प्रबंधक द्वारा दस नवंबर 2023 को आर्य स्वयं सहायता के खाते से डेढ़ लाख रुपये अपने बेटे नीरज चंद्रा, तीन फरवरी 2024 को शक्तिपीठ स्वयं सहायता समूह के खाते से तीन लाख रुपये पंकज सिंह नाम के व्यक्ति, पांच फरवरी 2024 को जस संतोषी मां स्वयं सहायता समूह के खाते से 11 हजार रुपये नीरज चंद्रा और सात फरवरी 2024 को दो लाख 89 हजार रुपये पंकज सिंह, सत्रह फरवरी 2024 को स्वयं सहायता समूह मल्ला मटेला के खाते से डेढ़ लाख रुपये धर्मेंद्र कुमार और 20 फरवरी 2014 को बजरंग बली समूह के खाते से डेढ़ लाख रुपये पंकज सिंह के खाते में ट्रांसफर कर दिए।

तहरीर में कहा गया है कि अधिकांश खाता धारक शाखा प्रबंधक के रिश्तेदार और नजदीकी हैं। मामले की खुलासा तक हुआ जब कुछ स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों द्वारा अपने बैंक स्टेटमेंट निकाले गए। वर्तमान शाखा प्रबंधक कश्यप ने कहा है कि इस तरह पूर्व प्रबंधक ने समूहों के खातों से करीब साढ़े दस लाख रुपये का हेरफेर किया है।

इधर तहरीर मिलने के बाद देघाट पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है। थानाध्यक्ष राहुल राठी ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। संबंधित लोगों से पूछताछ के साथ ही उनकी बैंक डिटेल भी निकाली जा रही है।