लोकसभा चुनाव: एटा संसदीय क्षेत्र के सुल्तान के लिए तेज हुई सट्टेबाजी, दलीय प्रत्याशियों पर लगाया जा रहा दांव

लोकसभा चुनाव: एटा संसदीय क्षेत्र के सुल्तान के लिए तेज हुई सट्टेबाजी, दलीय प्रत्याशियों पर लगाया जा रहा दांव

कासगंज, अमृत विचार। एटा संसदीय क्षेत्र का सुल्तान कौन बनेगा यह तो परिणाम आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। इससे पहले सुल्तान के लिए सट्टेबाजी का दौर शुरू हो गया है। राजनीति के महारथी अपना-अपना गणित लगाकर जीत हार कर रहे हैं। वही जीत हार के खेल में खेल में सपा और भाजपा आगे दिखाई दे रही है। इस खेल में बसपा भी पीछे पिछड़ी हुई है। अब मुकाबला बेहद रोचक और दिलचस्प हो चुका है।

प्रत्याशी घर-घर पहुंचकर मतदाताओं को रिझाने में जुटे हुए हैं तो वही सट्टेबाज जीत हार की बाजी लगाने लगे हैं। संसदीय क्षेत्र के लिए सुल्तान कौन बनेगा? किसके सिर ताज सजेगा? अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है, क्योंकि बेहद रोचक मुकाबला बना हुआ है। यहां दलीय सहित कुल 10 प्रत्याशी मैदान में हैं। इसमें एक तो मौजूदा सांसद भी हैं, दूसरा सपा से कद्दावर नेता देवेश शाक्य मैदान में हैं। इन दोनों के बीच ही मुकाबला माना जा रहा है। दोनों ही प्रत्याशियों पर हार जीत की बाजी लग रही है। लोग रुख भांपकर जीत हार की बाजी लगा रहे हैं। तमाम लोगों ने अब तक बाजी लगा ली है।

सर्वे उड़ा रहा है प्रत्याशियों की नींद
तमाम लोगों ने सोशल मीडिया पर सर्वे शुरू कर दिया है। सर्वे से अब कई प्रत्याशियों की नींद उड़ गई है।। सर्वे में अलग-अलग लोगों की राय पहुंच रही है। सबसे अधिक सर्वे फेसबुक से हो रहा है। इसी सर्वे के आधार पर भी तमाम लोग सट्टेबाजी तेज कर चुके हैं।

हम तुम्हारे साथ हैं
मतदाताओं का अपना अलग ही मिजाज है। जो भी प्रत्याशी वोट मांगने पहुंच रहा है वह पूरा भरोसा दे रहे हैं कि हम पूरी तरह तुम्हारे साथ हैं, लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं कर रहे कि खुलकर किसके साथ हैं। ऐसे में गणितज्ञों का गणित बिगड़ता दिखाई दे रहा है।

अपनी अपनी शिकायतें लिए बैठे हैं तमाम मतदाता
तमाम मतदाता अपनी अपनी शिकायतें लिए बैठे हैं। वह अपनी निजी शिकायत प्रत्याशियों से कर रहे हैं। जिस प्रत्याशी से कभी उनकी उम्मीदें पूरी नहीं हुई तो उसे खरी-खोटी भी सुना रहे हैं, लेकिन प्रत्याशी हाथ जोड़कर मतदाताओं को रिझाने में जुटे हुए हैं।

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