अल्मोड़ा: निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ किया जाएगा आंदोलन 

अल्मोड़ा: निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ किया जाएगा आंदोलन 

अल्मोड़ा, अमृत विचार। नए शिक्षा सत्र में निजी स्कूलों द्वारा फीस, किताबों और ड्रेस की खरीद के लिए की जा रही मनमानी से अभिभावकों में कड़ा आक्रोश व्याप्त है। अभिभावकों ने कहा कि निजी स्कूलों द्वारा शिक्षा का बाजारीकरण किया जा रहा है। वहीं उनकी इस कार्यप्रणाली से देश में लागू शिक्षा का अधिकार अधिनियम का भी खुला उल्लघंन हो रहा है। अभिभावकों ने कहा है कि अगर निजी स्कूलों द्वारा अपनी मनमानी बंद नहीं की गई तो वह निजी स्कूलों के विरोध में उग्र आंदोलन शुरू कर देंगे। 

रविवार को धर्म निरपेक्ष मंच के बैनर तले नगर में आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए अभिभावकों ने कहा कि नगर के अनेक निजी स्कूलों द्वारा नए सत्र में प्रवेश लेने वाले छात्र छात्राओं की फीस में बेतहाशा वृद्धि कर दी गई है। इतना ही नहीं पूर्व से शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र छात्राओं की नई कक्षाओं की फीस बढ़ा दी गई है। जबकि निजी स्कूलों द्वारा बच्चों की किताबें और ड्रेस भी चुनिंदा दुकानों से खरीदने के लिए अभिभावकों को बाध्य किया जा रहा है।

अभिभावकों ने कहा है कि निजी स्कूलों की इस मनमानी के कारण आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोग अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने में अक्षम समझ रहे हैं और स्कूली बच्चों में भी अवसाद जैसी स्थिति पैदा हो रही है। धर्म निरपेक्ष मंच के संयोजक विनय किरौला ने कहा कि निजी स्कूलों की इस मनमानी के खिलाफ पूर्व में शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को जानकारी दी गई है। इसके बाद भी अगर निजी स्कूलों की मनमानी बंद नहीं हुई तो क्षेत्र के अभिभावकों के सहयोग से निजी स्कूलों के विरोध में उग्र आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।