लखनऊ: लिवर सिरोसिस के बढ़ रहे मामले, ग्रामीण इलाकों में ज्यादा मिल रहे मरीज, आयुर्वेद में इलाज संभव
लखनऊ, अमृत विचार। लंबे समय तक शराब का सेवन करने से लिवर की बीमारियां देखी जा रही थी यानी की शराब पीने से लिवर सिरोसिस की बीमारी हो रही थी, लेकिन इधर कुछ सालों में बिना शराब पिये लोगों का लिवर खराब हो रहा है पेट में पानी भर जा रहा है। विशेषकर ग्रामीण लोग लिवर की बीमारी से अधिक ग्रसित हो रहे हैं। यह जानकारी डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉ. एसके पाण्डेय ने दी है। उन्होंने बताया कि नॉन अल्कोहलिक लिवर डिजीज का एक बड़ा कारण यूरिया निकल कर सामने आ रहा है।
डॉ.एसके.पाण्डेय बताते हैं कि चूंकि अनाज के उत्पादन में अंधाधुंध यूरिया और कीटनाशकों का प्रयोग हो रहा है। जिसके कारण कई बीमारियां दस्तक दे रही हैं। ग्रामीण सीधे तौर पर इन कीटनाशकों और यूरिया के संपर्क में रहते है जिससे उन पर इसका प्रभाव अधिक पड़ता है। उन्होंने बताया कि उनके पास कई ऐसे मरीज इलाज के लिए पहुंचे हैं। जिनके शरीर में अमोनिया का स्तर बढ़ा रहता है।
बताया जा रहा है कि जब शरीर से अमोनिया बाहर नहीं निकल पाता है तो खून में एकत्र होने लगता है। इससे लिवर सिरोसिस, किडनी फेल समेत अन्य बीमारियां घेर लेती हैं या यूं कहें कि अमोनिया का स्तर बढ़ने से बीमारियों का जोखिम बढ़ना तय हैं। उन्होंने बताया कि अमोनिया क चलते ही नॉन अल्कोहलिक लिवर डिजीज हो रही है।
आयुर्वेद में इलाज संभव
डॉ. एसके पाण्डेय बताते हैं कि लिवर सिरोसिस का इलाज आयुर्वेद में संभव है। लिवर सिरोसिस से पीड़ित गंभीर मरीजों को आयुर्वेदिक दवाओं से लाभ मिल रहा है। जिन मरीजों के पेट में पानी भर जाता है। उनकों भी स्वस्थ्य लाभ मिल सकता है। बशर्ते दवाओं का सही तरीके सेवन और जीवनशैली में सुधार किया जाये। उन्होंने बताया कि करीब 10 मरीजों को आयुर्वेदिक इलाज से राहत मिली है।
यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: महिला नेताओं के खिलाफ अभद्र बयानबाजी जारी, कंगना, हेमा और ममता बन चुकी हैं निशाना