Exclusive: नौबस्ता से हमीरपुर की जानलेवा डगर पर डराता है सफर, हादसे 130 फीसदी और मौतें बढ़ीं 80 फीसदी

Exclusive: नौबस्ता से हमीरपुर की जानलेवा डगर पर डराता है सफर, हादसे 130 फीसदी और मौतें बढ़ीं 80 फीसदी

कानपुर, (विकास कुमार)। ओवरलोड मौरंग तथा गिट्टी के ट्रकों और डंपरों ने न सिर्फ नौबस्ता-हमीरपुर-सागर हाईवे को बर्बाद कर दिया है, बल्कि यमदूत बनकर आए दिन लोगों को रौंदते भी रहते हैं। हादसों और मौतों के बढ़ते ग्राफ के चलते ही लोग इस मार्ग को मौत का हाईवे कहने लगे हैं। बीते साल के मुकाबले इस साल अब तक कानपुर नगर सीमा क्षेत्र में इस हाईवे पर हादसों की संख्या में जहां 130 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है, वहीं जान गंवाने वालों की गिनती 80 फीसदी ऊपर जा चुकी है।  

नौबस्ता-हमीरपुर हाईवे की खस्ताहाल सड़क पर हर दिन करीब 20 हजार मौरंग और गिट्टी से ओवरलोड ट्रक व डंपर बेलगाम होकर दौड़ते हैं। इस कारण हादसों के खून से सड़क हर दिन लाल होती रहती है। कानपुर नगर सीमा क्षेत्र में साल 2024 के 345 दिनों में 340 हादसे दर्ज होना इसका प्रमाण हैं। इन 340 हादसों में पिछले सप्ताह तक 175 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है। 

यानी आंकड़ों के लिहाज से लगभग हर दूसरे हादसे में किसी न किसी को अपनी जान गंवानी पड़ी है। वर्ष 2024 में नौबस्ता-हमीरपुर हाईवे के दो थानाक्षेत्रों बिधनू और सेन पश्चिम पारा में बीते सप्ताह तक के आंकड़ों के अनुसार 160 हादसों में 55 लोगों की मौत हुई है और 200 लोग घायल हुए हैं। इसी तरह नगर सीमा क्षेत्र में स्थित घाटमपुर, सजेती, साढ़ और नौबस्ता थानाक्षेत्र में इस साल 180 से ज्यादा दुर्घटनाओं में 120 लोग मौत का शिकार हुए हैं।  

तारकोल गायब, डिवाइडर के किनारे बजरी के ढेर

इस हाईवे पर 24 घंटे दौड़ने वाले ओवरलोड ट्रकों व डंपरों के कारण सड़क से तारकोल गायब होने के बाद बजरी निकलकर डिवाइडर के किनारे ढेर के रूप में जम चुकी है। नौबस्ता बाईपास से आगे सड़क की स्थिति काफी खराब है। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिनकी चपेट में आकर अक्सर लोग हादसों का शिकार हो जाते हैं। 

रोज सफर करने वालों का कहना है कि रोज डर-डरकर चलना पड़ता है। इसका कारण दो लेन की सड़क पर क्षमता से अधिक वाहनों का बोझ, बेलगाम यातायात और अव्यवस्था है। सड़क पर कई जगह खतरनाक गड्ढे हैं। कई जगह सड़क पथरीली हो चुकी है, तो तमाम स्थानों पर बजरी फैली है या किनारे जम चुकी है। डिवाइडर के किनारे तक गड्ढे हैं। लेकिन हाईवे की यह दुर्दशा एनएचएआई के जिम्मेदारों को नहीं दिखती है। 

मेट्रो निर्माण, वाहनों का भारी दबाव अतिक्रमण जिम्मेदार :एनएचएआई  

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक अमन रोहिल्ला के अनुसार हमीरपुर हाईवे पर नौबस्ता बाईपास से तीन किलोमीटर तक गड्ढे मेट्रो के निर्माण कार्य के कारण हैं। जो ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए गए थे, उन स्थानों पर अस्थाई रूप से सुधार कार्य किया गया है। इस मार्ग पर वाहनों का दबाव सीमा से ज्यादा है। भारी वाहनों के बीच शहरी और ग्रामीण यातायात दौड़ता है। कई जगह सड़क के किनारे अतिक्रमण भी है।

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