Kanpur: अगर है डायबिटीज तो हो जाएं सावधान; ग्लूकोज लेवल बढ़ने से किडनी हो सकती फेल, ऐसे करें बचाव...

शुरूआती लक्षण पता नहीं चलने पर होती मरीजों को दिक्कत

Kanpur: अगर है डायबिटीज तो हो जाएं सावधान; ग्लूकोज लेवल बढ़ने से किडनी हो सकती फेल, ऐसे करें बचाव...

कानपुर, अमृत विचार। डायबिटीज कितनी खतरनाक बीमारी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह शरीर के करीब सभी अंगों को प्रभावित कर सकती है। ब्लड शुगर लेवल कम न रहने पर यह शरीर के बाकी अंगों के साथ किडनी को भी प्रभावित कर सकती है। ऐसे में सबसे अधिक दिक्कत डायबिटिक रोगियों को होती है। इनमें किडनी फेल होने का खतरा अधिक रहता है। 

हैलट अस्पताल के मेडिसिन विभाग की ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले 40 फीसदी मरीजों की जांच करने पर उनका बीपी बढ़ा निकलता है। इनमें से 10 फीसदी मरीजों में सीरम क्रेटेनिन बढ़ी मिलती है। शुरुआती लक्षणों का पता नहीं चलने पर लोग बीपी व ब्लड शुगर पर ध्यान नहीं देते। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रो. एसके गौतम ने बताया कि डायबिटीज मेटाबॉलिज्म से जुड़ी एक समस्या है, जिसमें मरीज के ब्लड में ग्लूकोज लेवल बढ़ जाता है। 

डायबिटीज शरीर के अन्य अंगों के साथ किडनी को अधिक प्रभावित करती है। डायबिटीज से पीड़ित हर पांच में से एक मरीज किडनी संबंधित समस्या से ग्रस्त होता है। ग्लूकोज लेवल बढ़ने से शरीर के कई अंगों के साथ खासतौर से कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम और किडनी के खराब होने का खतरा सबसे अधिक होता है। किडनी के डैमेज होने की स्थिति को डायबिटीक नेफ्रोपैथी कहते है, जो एक तरह का क्रोनिक किडनी डिजीज है। 

हाई ब्लड प्रेशर और किडनी की समस्या से परेशान मरीजों को इसका ज्यादा खतरा होता है। नेफ्रोरोलॉजिस्ट डॉ.समीर गोविल ने बताया कि किडनी लाखों छोटे फिल्टरों से बनी होती है, जिन्हें नेफ्रॉन कहा जाता है। समय के साथ व डायबिटीज के कारण शुगर का बढ़ा स्तर इन नेफ्रॉन में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है। इसलिए वह उतना अच्छा काम नहीं कर पाती, जितना करना चाहिए। 

कई डायबिटिक रोगियों में उच्च रक्तचाप भी विकसित हो जाता है, जिससे किडनी को भी नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा डायबिटीज की स्थिति ब्लड में क्रिएटिनिन बढ़ने का कारण भी बन सकती है। हाई क्रिएटिनिन लेवल के कारण भी किडनी को गंभीर क्षति हो सकती है। ओपीडी में प्रतिदिन ऐसे सात से आठ केस आते हैं। 

शुगर को कंट्रोल रखना जरूरी

नेफ्रोरोलॉजिस्ट डॉ.समीर गोविल ने बताया कि शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है। डायबिटीक मरीजों के लिए ये तो अति से अधिक आवश्यक है, क्योंकि बढ़े हुए शुगर के कारण न सिर्फ किडनी बल्कि हार्ट, आंखों और लिवर की भी दिक्कतें बढ़ सकती है। 

इसके जीवनशैली व आहार पर ध्यान देने की विशेष जरूरत है। क्योंकि क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) अक्सर धीरे-धीरे और कुछ लक्षणों के साथ विकसित होता है। बहुत से लोगों को तब तक इसका एहसास नहीं होता जब तक कि यह गंभीर न हो जाए। डायबिटिक मरीजों को नियमित रूप से किडनी की जांच जरूर करानी चाहिए।

ऐसे करें बचाव 

-रक्त शर्करा के स्तर को कंट्रोल रखें। 
-एक वर्ष में कम से कम दो बार एवनसी जांच करवाएं। 
-शुगर के साथ अपने कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल रखें। 
-लो सोडियम वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
-आहार में फल और सब्जियों की मात्रा अधिक रखें। 
-समय निकालकर व्यायाम या योग जरूर करें।

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