नैनीताल: बुरांश के फूल से तैयार नमक का विदेशों में जलवा

नैनीताल: बुरांश के फूल से तैयार नमक का विदेशों में जलवा

नैनीताल, अमृत विचार। नैनीताल में महिलायें उत्तराखंड के राज्य वृक्ष बुरांश से नमक तैयार कर रहीं हैं। जिसका स्वाद विदेशों तक तेजी से फैल रहा है। नमक बना रही संजू रजवार बताती हैं कि उन्होंने अपने घर में प्रयोग के तौर पर बुरांश के फूल से नमक बनाया, जो बेहद स्वादिष्ट बना। जिसके बाद उन्होंने महिला समूह की सदस्यों के साथ बुरांश के नमक की विधि को साझा किया।

उन्होंने शहर के आसपास के क्षेत्रों से बुरांश के फूल एकत्र कराकर नमक बनाया। जिसको समूह की महिलाओं ने शहर में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में बेचा। नमक को स्थानीय लोगों के साथ-साथ नैनीताल आने वाले पर्यटकों ने खूब पसंद किया। अब देश के विभिन्न शहरों दिल्ली, गुजरात, नोएडा, पंजाब, राजस्थान से लोग ऑनलाइन नमक मंगवा रहे हैं। इसके अलावा उनके नमक की डिमांड जर्मनी, जापान, दुबई समेत कई देशों से आ रही है। संजू बताती हैं कि पहाड़ी इलाकों में उगने वाले बुरांश के फूल में कई औषधीय गुण होते हैं, जो ब्लड प्रेशर, शुगर, दिल की बीमारी के लिए लाभदायक होता है। 

महिलाओं को मिल रहा है रोजगार
नैनीताल। संजू रजवार बताती हैं कि उनके द्वारा बुरांश के फूलों को सुदूर ग्रामीण इलाकों की महिलाओं से खरीदा जाता है। जिससे ग्रामीण महिलाओं की भी आमदनी होती है। इसके साथ ही उनके समूह से कुल 8 महिलाएं जुड़ी हैं, जो बुरांश का नमक तैयार करती हैं और उनकी पैकिंग कर उन्हें बेचती हैं। इससे महिलाओं को भी रोजगार मिल रहा है।

जलवायु परिवर्तन के असर से समय से पहले ही खिला फूल
राज्य वृक्ष बुरांश का फूल समय से पहले खिलने लगा है। बुरांश का फूल आमतौर पर 15 मार्च से 30 अप्रैल के बीच खिलता है, लेकिन अब यह दिसंबर-जनवरी माह में ही खिलने लगा है। रामपुर रोड स्थित वन अनुसंधान केंद्र के रेंज अधिकारी मदन सिंह बिष्ट ने बताया है कि जलवायु परिवर्तन व तापमान में बढ़ोतरी होने से बुरांश का फूल दिसंबर के अंतिम सप्ताह में ही दिखने लगा है।

उन्होंने बताया कि फरवरी के अंतिम सप्ताह में अमूमन तापमान 15 डिग्री के करीब होने से बुरांश का फूल खिलना शुरू होता है। वनस्पति विज्ञानी प्रो. ललित तिवारी ने बताया कि फूल खिलने के लिए अनुकूल वातावरण समय से पहले मिल रहा है, जिससे उसके बीज भी पहले बन रहे हैं, लेकिन बारिश बाद के महीने में होती है तो उसका रिजनरेशन नहीं हो पा रहा है। फ्रूटेज फ्रूट प्रोसेसिंग उद्योग के स्वामी संजीव भगत ने बताया कि गर्मी में बुरांश के उत्पादन में कमी आने व उस समय जूस की मांग बढ़ने से कारोबार प्रभावित होता है।