अकारण बच्चे का परित्याग करना दंडनीय अपराध: सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष 

पाक्सो पीड़िता की एफआईआर दर्ज न करने पर छह माह के सजा का प्रावधान

अकारण बच्चे का परित्याग करना दंडनीय अपराध: सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष 

पुलिस लाइन में एएचटीयू व एसजेपीयू की बैठक आयोजित

बहराइच, अमृत विचार। पुलिस लाइन सभागार में न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सतीश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में विशेष पुलिस इकाई व एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू व एसजेपीयू) की समन्वय समिति की बैठक आयोजित हुई। जिसमें विभागीय अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

बैठक को संबोधित करते हुए सीडब्लूसी के अध्यक्ष ने अवयस्क बालक एवं बालिकाओं के संबंध में विधिक प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि जेजे एक्ट 2015 की धारा 75 के अंतर्गत अकारण अपने बच्चे का परित्याग करना दंडनीय अपराध है। उन्होंने बताया की प्राय: परिवार की लड़कियों के घर छोड़कर भाग जाने की प्रथम सूचना रिपोर्ट तो परिवार की ओर से पुलिस थाने में दर्ज करायी जाती है, परंतु पुलिस द्वारा उनकी बालिका को बरामद किए जाने पर अधिकांश लोग अपनी बालिकाओं को परिवार में लेने से मना कर देते हैं। 

यह विधिक दृष्टि से अपनी बालिका के प्रति क्रूरता किया जाना है। इसके लिए प्रावधान है कि ऐसे माता-पिता को 3 वर्ष तक के कारावास की सजा व एक लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि 7 वर्ष से कम आयु के बालक द्वारा किया गया कार्य कोई अपराध नहीं है, और 7 से 12 वर्ष से कम आयु के अपरिपक्व समझ के बालक का कार्य भी कोई अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। 

उन्होंने बताया कि पोक्सो एक्ट 2012 की धारा 19, 20 के अनुसार यदि पुलिस को सूचना दिए जाने पर पोक्सो पीड़िता की एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है, तो संबंधित पुलिस अधिकारी को धारा 21 के तहत 6 मास तक के कारावास एवं जुर्माने से दंडित किया जा सकता है। उन्होंने पाक्सो एक्ट की धारा 27 सब क्लाज तीन व चार का उल्लेख करते हुए बताया कि बालिका की चिकित्सीय परीक्षा मां अथवा किसी ऐसी महिला की उपस्थिति में की जाएगी, जिस पर पीड़िता विश्वास करती हो। 

बैठक को सीओ पुलिस लाइन वह एसजीपीओ प्रभारी पुलिस इंस्पेक्टर विवेक यादव ने भी संबोधित किया। बैठक में मेडिकल कालेज अस्पताल के एनेस्थेसिस्ट, श्रम परिवर्तन अधिकारी, एसएसबी की इंस्पेक्टर, वन स्टॉप प्रभारी रचना कटियार, विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं जनपद के सभी थानों के बाल कल्याण अधिकारी पुलिस सब इंस्पेक्टर तथा महिला आरक्षी उपस्थित रही।

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