छत्तीसगढ़: कांग्रेस और भाजपा ने महिलाओं को दी तरजीह , तीन-तीन सीटों पर उतारे महिला उम्मीदवार

छत्तीसगढ़: कांग्रेस और भाजपा ने महिलाओं को दी तरजीह , तीन-तीन सीटों पर उतारे महिला उम्मीदवार

बिलासपुर। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने महिलाओं को बराबर तरजीह दी है और दोनों ही पार्टियों ने तीन-तीन सीटों पर महिला उम्मीदवार उतारे हैं। इनमें एक सीट पर महिला उम्मीदवारों के बीच सीधी भिड़ंत है। छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटों के लिए भाजपा और कांग्रेस ने तीन-तीन सीटों पर महिला उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है । 

भाजपा ने कोरबा से सरोज पांडेय , जांजगीर-चांपा से कमलेश जांगड़े तथा महासमुंद से रूप कुमारी चौधरी को टिकट दी है जबकि कांग्रेस ने कोरबा से ज्योत्सना महंत को दूसरी बार मौका दिया है , वहीं रायगढ़ से डॉ. मेनका देवी सिंह और सरगुजा से शशि सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। चुनावी अतीत के परिप्रेक्ष्य में गौर किया जाए तो स्पष्ट रूप से यही परिलक्षित होता है कि छत्तीसगढ़ में आधी आबादी को प्रतिनिधित्व का मौका देने में कांग्रेस आगे रही है तथा भाजपा दूसरे क्रम पर है । 

अविभाजित मध्यप्रदेश का हिस्सा रहे जांजगीर लोकसभा सीट से 1957 में कांग्रेस ने सबसे पहले मिनी माता अगम को अपना उम्मीदवार बनाया था। मिनी माता ने यह चुनाव जीता और इसके बाद 1962 , 1967 तथा 1971 के आम चुनाव में इसी सीट से कांग्रेस की टिकट पर लगातार चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। कांग्रेस ने 1960 से 1990 के दशक के आम चुनावों में रायगढ़ लोकसभा सीट से राजपरिवार की महिलाओं को राजनीति में भी उदीयमान होने का मौका दिया।

वर्ष 1967 में कांग्रेस ने रजनी देवी को टिकट दी , जिन्होंने यह चुनाव जीता। इसके बाद 1980 , 1984 और 1991 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में सुश्री पुष्पा देवी ने जीत का परचम लहराया। वर्ष 2000 में अलग छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 2004 के आम चुनाव में भाजपा ने जांजगीर-चांपा सीट से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करूणा शुक्ला को उम्मीदवार बनाया और वह चुनाव जीत गयी।

इसके बाद भाजपा ने यहां से महिलाओं को प्रतिनिधित्व का अवसर देते हुए 2009 और 2014 में कमला पाटले को टिकट दिया। पाटले दोनों बार यहां से निर्वाचित हुई। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 1996 से भाजपा के कब्जे वाली बिलासपुर लोकसभा सीट से छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी डॉ. रेणु जोगी को चुनाव मैदान में उतारा। 

बिलासपुर से महिला उम्मीदवार खड़े कर चुनाव परिणाम अपने पक्ष में करने की कांग्रेस की रणनीति विफल रही और डॉ. जोगी भाजपा के कद्दावर नेता दिलीपसिंह जूदेव के हाथों परास्त हो गयी। कांग्रेस ने 2014 के चुनाव में भी बिलासपुर सीट से महिला उम्मीदवार खड़े करने की रणनीति अपनाई और करूणा शुक्ला को उम्मीदवार बनाया , लेकिन तब भी कांग्रेस को विफलता हाथ लगी। 

इस चुनाव में भाजपा को मोदी लहर का फायदा मिला। भाजपा के लखन साहू ने बाहरी होने के बावजूद शुक्ला को पराजित किया । वर्ष 2014 के आम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने नक्सली बहुल बस्तर लोकसभा सीट से सोनी सोरी को उम्मीदवार बनाया। सोरी के चुनाव लड़ने से तब काफी विवाद का माहौल बना। उन पर नक्सलियों के प्रति सहानुभूति रखने तथा उन्हें सहायता पहुंचाने का आरोप लगा। 

नक्सलियों ने भी उन पर चुनाव लड़कर सरकार और निजी उद्योग संस्थानों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। सोरी को चुनाव में असफलता हाथ लगी और वह चौथे क्रम पर रही । कांग्रेस ने इस बार लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कोरबा लोकसभा सीट से छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ,पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री एवं अविभाजित मध्यप्रदेश में गृहमंत्री रहे चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत को दूसरी बार चुनाव मैदान में उतारा है। 

रायगढ़ सीट के लिए पिछले लोकसभा चुनाव में टिकट से वंचित रही डॉ. सिंह को इस बार मौका दिया है। भाजपा ने पूर्व सांसद सरोज पांडेय को कोरबा सीट पर कांग्रेस की महंत के खिलाफ खड़ा किया है। इन छह महिला उम्मीदवारों से संबंधित सीटों में से महासमुंद में दूसरे चरण में 26 अप्रैल तथा कोरबा रायगढ़ और जांजगीर-चांपा में तीसरे चरण में 07 मई को मतदान होगा और इनके भाग्य का पिटारा 04 जून को खुलेगा ।

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