बरेली: 'आपसी लड़ाई में हमें मोहरा बना रहे हैं मेयर-नगर आयुक्त', सफाईकर्मियों की हड़ताल की चेतावनी

बरेली: 'आपसी लड़ाई में हमें मोहरा बना रहे हैं मेयर-नगर आयुक्त', सफाईकर्मियों की हड़ताल की चेतावनी

बरेली, अमृत विचार।  मेयर उमेश गौतम के लिखित आश्वासन के बावजूद तबादले रद्द न होने पर सफाईकर्मियों ने फिर हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी है। संगठन के नेताओं ने आरोप लगाया है कि नगर आयुक्त और मेयर के बीच आपसी तनातनी में उन्हें मोहरा बनाया जा रहा है।

सोमवार को वे मेयर से मिलने के बाद हड़ताल की तारीख का एलान कर देंगे। इससे पहले सफाईकर्मी नगर आयुक्त से मिले और तबादले रद्द करने से उनके इन्कार के बाद काफी देर उनके कार्यालय के बाहर धरना भी दिया।

पिछले महीने शहर के 30 वार्डों की सफाई की जिम्मेदारी ठेके पर एक एजेंसी को दे दी गई थी और इन वार्डों में तैनात नगर निगम के 311 सफाई कर्मचारियों को दूसरे वार्डों में तैनात कर दिया गया था। इस फैसले पर भड़के सफाईकर्मियों ने तीन दिन तक नगर निगम में धरना देने के बाद सात मार्च को हड़ताल शुरू करने के साथ कूड़े से भरी तमाम गाड़ियां नगर निगम में लाकर खड़ी कर दी थीं।

दो दिन हड़ताल रहने के बाद मेयर उमेश गौतम ने उनके धरनास्थल पर पहुंचकर तबादले रद्द करने का लिखित आश्वासन दिया था। इसके बावजूद तबादले रद्द न किए जाने पर सफाईकर्मियों में भारी गुस्सा है।

शनिवार को नई तैनाती की सूची जारी हुई तो भड़के सफाई कर्मचारी नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स से मिलने पहुंचे और मेयर के लिखित आश्वासन का हवाला दिया। नगर आयुक्त ने उनकी नहीं सुनी तो उनका गुस्सा और बढ़ गया। उन्होंने बाहर निकलकर पहले अपर नगर आयुक्त का घेराव किया और फिर नारेबाजी करते हुए उनके कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए।

कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया कि मेयर और नगर आयुक्त के आपसी विवाद में उन्हें फुटबाल बनाया जा रहा है। बोले, तीन दिन पहले सीएम के आगमन पर शहर की बेहतर सफाई के लिए नगर आयुक्त ने उन्हें सम्मानित कर माला पहनाई थी, उसे वापस करेंगे। मेयर से मुलाकात के बाद पहले सामूहिक अवकाश लेंगे और फिर हड़ताल की तारीख का एलान कर देंगे।

पार्षदों और ठेकेदारों को मालामाल करने की है मंशा
अपर नगर आयुक्त के घेराव के दौरान सफाई कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव पंकज वाल्मीकि ने कहा कि नगर निगम कुछ पार्षदों और ठेकेदारों को मालामाल करने के लिए लंबे समय से सफाईकर्मियों का शोषण कर रहा है। जिलाध्यक्ष नेकपाल वाल्मीकि ने कहा कि कुछ पार्षदों को लाभ पहुंचाने के लिए सफाई कर्मियों की दूसरी वार्डों में तैनाती कर दी गई है। महामंत्री राजेंद्र कुमार ने कहा कि नगर निगम से ठेका प्रथा खत्म हो न हो, लेकिन 30 वार्डों से हटाए गए स्थाई सफाई कर्मियों को फिर मूल तैनाती वाले वार्डों में तैनात करना ही पड़ेगा।

अफसरों के गले की फांस, बोर्ड में पारित हो चुका है प्रस्ताव
शहर के 30 वार्डों में ठेके पर सफाई कराने का मामला नगर निगम के अफसरों के गले में फांस की तरह अटक गया है। दरअसल यह फैसला नगर निगम बोर्ड की बैठक में किया गया था। बैठक में ही पारित प्रस्ताव के अनुरूप एजेंसी को ठेका दिया गया और इन वार्डों में पहले से तैनात स्थाई सफाईकर्मियों के तबादलों की सूची जारी कर दी गई। सात मार्च को हड़ताल के बाद 12 मार्च को बोर्ड की बैठक हो चुकी है लेकिन उसमें पुराने प्रस्ताव को रद्द नहीं किया गया।

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