Bareilly News: ऐरन के लिए वोटरों में पैठ बना रही हैं सुप्रिया, दिन भर घर-घर जाकर लोगों से करती हैं संपर्क
बरेली, अमृत विचार। सपा प्रत्याशी प्रवीण सिंह ऐरन को एक ऐसा समर्थक भी हासिल है जो हर रोज सुबह से शाम तक बिना किसी ढिलाई के चुनाव प्रचार में जुटा रहता है, वह भी पूरे समर्पित भाव से। उसे न कुछ कहने-सुनने की जरूरत पड़ती है न निगरानी रखने की।
यह समर्थक उनकी ही पत्नी सुप्रिया ऐरन हैं जो रोज सुबह 9 बजे तक घर से निकल जाती हैं और दिन भर घर-घर जाकर लोगों से संपर्क करती हैं। पूरा दिन सत्तू के सहारे कटता है। प्रवीण सिंह ऐरन के पर्चा भरने के साथ यह सिलसिला शुरू हो गया था जो लगातार जारी है।
सुप्रिया ऐरन के लिए अपने पति का यूं चुनाव प्रचार करना कोई नई बात नहीं है। वह बताती हैं कि प्रवीण सिंह सन् 1989 से चुनाव लड़ते आ रहे हैं और वह हर चुनाव में ऐसे ही सक्रिय रही हैं।
शुरू में उन्हें बहुत मुश्किल भी होती थी क्योंकि वह खुद पीटीआई की पत्रकार थीं और दिल्ली में नौकरी करती थीं। इसके साथ बच्चे भी छोटे थे। उन्हें पति के चुनाव के बीच बार-बार दिल्ली से बरेली आना जाना पड़ता था। करीब 35 साल से चल रहा यह क्रम अब उनके लिए सामान्य हो गया है। सुप्रिया कहती हैं कि अब चुनावी थकान उन्हें थकान नहीं लगती। इसलिए भी क्योंकि वह खुद मेयर रह चुकी हैं और समझ चुकी हैं कि राजनीति कितना टेढ़ा खेल है।
महिला वोटरों को समझा पाती हैं आसानी से बात
सुप्रिया ऐरन के चुनाव प्रचार करने से उनके पति को यह भी सहूलियत है कि महिला वोटरों में वह सहजता के साथ चुनाव प्रचार कर पाती हैं। सुप्रिया कहती हैं कि उनके मेयर रहते हुए महिलाओं का उनसे जुड़ाव बढ़ा था। प्रचार के लिए वह घर-घर जाती हैं तो महिलाएं उन्हें घर के अंदर ले जाती हैं और दोस्ताना अंदाज में अपनी समस्याएं साझा करती हैं। इसके बाद चुनाव प्रचार के लिए भी उनके साथ हो लेती हैं। कॉलेज की छात्राएं उनसे प्रभावित होती हैं। उनसे बातचीत करके पता चलता है कि युवा भाजपा सरकार से काफी नाराज हैं और उन्होंने इंडिया गठबंधन से उम्मीदें लगा रखी हैं।
मुफ्त राशन नहीं रोजगार मिले
सुप्रिया कहती हैं कि मुफ्त राशन देने की योजना राजनीति के अलावा कुछ नहीं है। इसकी आड़ में रोजगार और महंगाई जैसे मुद्दों को दबाया जा रहा है। लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रोजगार देने की ज्यादा जरूरत है।
सपा को मिलेंगे 50 फीसदी वोट
पूर्व मेयर ने कहा कि इस बार सपा और भाजपा के प्रत्याशियों के बीच आमने-सामने का मुकाबला है। प्रचार के दौरान उन्हें अनुभव हुआ है कि अगर ईवीएम में घोटाला न हुआ तो सपा को इस चुनाव में 50 फीसदी से ज्यादा वोट मिलेंगे।
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