National Dentist's Day: गंदे दांतों से हो सकती दिल की बीमारी...इन लक्षणों काे न करें नजरअंदाज
दांतों-मसूड़ों के बीच पनपने वाले बैक्टीरिया खून के रास्ते दिल के वॉल्व या इंडोकार्डियम को पहुंचाते नुकसान
कानपुर, अमृत विचार। मुस्कराते या फोटो खिंचाते समय सफेद चमकते दांत खूबसूरती बढ़ा देते हैं। लेकिन इसके बावजूद अधिकतर लोग दांतों की सेहत को लेकर कम फिक्रमंद रहते हैं, जबकि दांतों की सही तरीके से सफाई न करना कई बीमारियों का कारण बन सकती है।
यहां तक कि इस कारण दिल की बीमारी होने का भी खतरा रहता है। दांतों की सही देखभाल नहीं करने से खून में बैक्टीरियल संक्रमण की स्थिति पैदा होने का दुष्प्रभाव सीधा दिल पर पड़ता है।
हैलट अस्पताल में दंत रोग विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन करीब सौ मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनमें 90 प्रतिशत लोग दांतों में संक्रमण और गंदे दांतों की समस्या से पीड़ित रहते हैं। ठीक से दांतों की सफाई न करने के कारण इनमें अधिकतर लोगों को कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं।
दरअसल लोग दांतों की स्वच्छता का मतलब सिर्फ दांतों में कीड़े लगने, टूटने व दर्द आदि से ही जुड़ा मानते हैं, जबकि कई शोधों से साबित हो चुका है कि दांतों की गंदगी भी हार्ट अटैक का कारण बन सकती है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के दंत रोग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर व मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ.शिशिर धर ने बताया कि दांतों व मसूड़ों के बीच कई तरह के बैक्टीरिया होते हैं।
इसमें से स्ट्रेपटोकोकस व स्टेटोफाइलोकोकस बैक्टीरिया अधिक खतरनाक होते हैं। इनसे सबएक्यूट व इंफेक्टिव बैक्टीरियल एंडोकार्डिटिस (साबे) बीमारी होने का खतरा रहता है। यह बीमारी अधिकतर जन्मजात या अनुवांशिक रूप से दिल के रोगियों में पाई जाती है। यह नॉन स्टेराइल रूप से दांतों का इलाज करने पर भी होता है।
इनमें बैक्टीरिया खून के रास्ते दिल के इंडोकार्डियम या वॉल्व को नुकसान पहुंचाते है। इससे दिल संबंधित कई बीमारी व लक्षण दिखते हैं। ऐसे गंभीर मरीजों को सर्जरी के लिए कार्डियोलॉजी संस्थान रेफर किया जाता है, क्योंकि खून में मिलकर यह बैक्टीरिया सीधे दिल के वाल्व तक पहुंचता है। इन बैक्टीरिया के जमने से वाल्व और इंडोकार्डियम में दिक्कत होती है।
हैलट के डेंटल विभाग में आई दो आधुनिक मशीनें
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि डेंटल विभाग को दो आधुनिक कंप्यूटराइज्ड डेंटल चेयर उपलब्ध कराई गई हैं। इनमें माइक्रो मीटर, एक्सरे व्यूवर, एलईडी लाइट, हाई सेक्शन, इंबिलिट एक्सलेटर आदि की सुविधा है। इन चेयर पर नई तकनीक से डॉक्टरों को इलाज करने में आसानी होगी।
दंत रोग विभाग में सुविधाएं
हैलट के दंत रोग विभाग में दांत में मसाला भरने, आरसीटी, दांत उखाड़ना, अक्ल दांत सही करना, मवाद व दांतों में इंफेक्शन, जबड़े में दर्द आदि से संबंधित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इसके साथ ही कैंसर की स्क्रीनिंग व डायग्नोसिक भी की जाती है।
इन लक्षणों का न करें नजरअंदाज
- मसूड़े लाल, सूजन और छूने में दर्द होना।
- खाते या ब्रश करते समय मसूड़ों से खून आना
- दांतों और मसूड़ों में मवाद या इंफेक्शन होना।
- मुंह से बदबू आना और स्वाद खराब होना।
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