Kasganj: अवैध रूप से संचालित हो रहे ईट भट्ठे, जिम्मेदारों को नहीं कोई परवाह

Kasganj: अवैध रूप से संचालित हो रहे ईट भट्ठे, जिम्मेदारों को नहीं कोई परवाह

गंजडुंडवारा, अमृत विचार। क्षेत्र में बड़ी संख्या में अवैध तरीके से भट्टे संचालित कर लाल ईंट का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इनकी चिमनियों से निकलने वाले काले धुएं से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है बल्कि जल स्तर में लगातार गिरावट हो रही है। लेकिन जिम्मेदारों को इसकी कोई परवाह नहीं है।

कस्बा क्षेत्र व आसपास गांवों में बड़े पैमाने पर ईंट भट्ठों का कारोबार लगातार बढ़ते ही जा रहा है। प्रशासन की अनदेखी के कारण इन ईंट भट्ठा संचालकों के हौसले बुलंद हैं और वे नियमो के विरुद्ध बिना एनओसी के भट्टों का संचालन कर पर्यावरण व जल स्त्रोत को हानि पहुंचा रहे हैं। जबकि पर्यावरण एवं प्रदूषण विभाग कई बार अवैध रूप से संचालित भट्ठों पर कार्रवाई करने के लिए जिला और तहसील स्तर पर अवैध भट्ठों की सूची भेज चुका है। लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। परिणाम स्वरूप गंजडुंडवारा क्षेत्र में वैध से अधिक अवैध ईट भट्ठे संचालित हैं।

बिना जीएसटी बिल के करोड़ों का व्यापार
अवैध रूप से ईंट भट्ठों का कारोबार चल रहा है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। प्रत्येक दो हजार ईटों को ग्यारह हजार रूपये में बेची जा रही है। हर वर्ष करोड़ों का व्यापार होता है। वह भी बिना जीएसटी बिल के जिसके चलते केंद्र और राज्य सरकार को भारी क्षति हो रही है। क्यों की बिक्री के लिए ज्यादातर सादा पर्चियों का उपयोग होता है। भट्टा स्वामियों द्वारा जीएसटी बिल दिया ही नहीं जाता है।

लगातार गिर रहा जल स्तर
गर्मी के मौसम में पीने के पानी की बड़ी समस्या होती है। क्षेत्र में ज्यादातर भट्टे बिना एनओसी के चलाए जा रहे है। जिससे ईट भट्टों की तपिश से जलस्तर लगातार गिरते ही जा रहा है। जो जलस्तर पहले 30 फीट पर था वह आज 50 फीट पर है। जिसके प्रति विभाग के अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं और अवैध ईंट भट्ठा में ईंट का निर्माण कराया जा रहा है।

आंकड़ों की नजर में
- क्षेत्र मे संचालित भट्टों की संख्या         58
- मानकों के विपरीत संचालित भट्ठे      38
- वैध रूप से संचालित भट्ठे               20

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