Bareilly News: एनपीए की मार, पीएम मुद्रा लोन योजना से सरकारी बैंकों ने पीछे खींचे कदम
बरेली, अमृत विचार। पीएम मुद्रा लोन के खातों के पिछले बरसों में काफी संख्या में एनपीए हो जाने की वजह से सरकारी बैंक ही सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से अपने कदम पीछे खींचने लगे हैं। नतीजा यह है कि निजी और कॉमर्शियल बैंकों की तुलना में सरकारी बैंकों की ओर से पीएम मुद्रा लोन के लिए आवंटित धनराशि में करीब 40 फीसदी की कमी रिकॉर्ड की गई है।
पीएम मुद्रा लोन के तहत बिना कुछ बंधक रखे व्यापार शुरू करने लिए अलग-अलग श्रेणियों में 10 लाख तक के ऋण आवंटित किए जाते हैं। जिला अग्रणी प्रबंधक कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार जिले में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत दिसंबर की वित्तीय तिमाही में 98,569 लाभार्थियों को 652.32 करोड़ रुपये का ऋण आवंटित किया गया है। इनमें 68,178 लाभार्थियों को 217.77 करोड़ का ऋण शिशु श्रेणी, 28,506 लाभार्थियों को 287.44 करोड़ का ऋण किशोर और 1975 लाभार्थियों को 147.10 करोड़ का ऋण तरुण श्रेणी में आवंटित किया गया है।
जिले के आठ सरकारी बैंकों की इसमें हिस्सेदारी 15,838 लाभार्थियों को सिर्फ 221.78 करोड़ का ऋण आवंटन की है। इनमें 10,256 लाभार्थियों को 16.33 करोड़ का ऋण शिशु, 4035 लाभार्थियों को 87.46 करोड़ का ऋण किशोर और 1547 लाभार्थियों को 117.97 करोड़ का ऋण तरुण श्रेणी में आवंटित किया गया। दूसरी ओर, जिले की 15 निजी बैंकों की ओर से 75,119 लाभार्थियों को 386.38 करोड़ का ऋण आवंटित किया गया है।
इनमें 51,909 लाभार्थियों को 179.81 करोड़ का ऋण शिशु, 22,856 लाभार्थियों को 182.18 करोड़ का ऋण किशोर और 354 लाभार्थियों को 24.38 करोड़ का ऋण तरुण श्रेणी में आवंटित किया गया। इसके अलावा एक रीजनल रूरल बैंक ने भी 4252 लाभार्थियों को 227.23 करोड़ का ऋण आवंटित किया है। एलडीएम वीके अरोड़ा ने बताया कि सरकारी बैंकों को भी पीएम मुद्रा लोन के तहत ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों को ऋण आवंटित करने का निर्देश दिया गया है। पिछले दिनों समीक्षा बैठक में सीडीओ जग प्रवेश ने भी सरकारी बैंकों की खराब प्रगति पर नाराजगी जताई थी।
शिशु में ज्यादा आवेदन, तरुण में बेहद कम
बैंक अधिकारियों के अनुसार शिशु श्रेणी में ऋण के लिए इस तिमाही में 68,178 लोगों को ऋण आवंटित किया गया है, इसके मुकाबले तरुण श्रेणी में सिर्फ 1975 लोगों को ही ऋण दिए गए हैं। अधिकारियों ने इसके पीछे तर्क दिया है कि शिशु श्रेणी के तहत लाभार्थियों को 10 हजार रुपये का लोन दिया जाता है। लाभार्थियों के ऋण वापस करने के बाद ही उन्हें किशोर और तरुण श्रेणी के तहत ऋण आवंटित किया जाता है। हालांकि सर्वाधिक एनपीए भी शिशु श्रेणी के लोन में बढ़ा है।
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