मुरादाबाद : देश से क्षय रोग उन्मूलन को और दिखानी होगी गंभीरता, यह हैं क्षय रोग के लक्षण
जिले में नए मरीजों की खोज व स्क्रीनिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग चला रहा अभियान

विनोद श्रीवास्तव, अमृत विचार। प्रधानमंत्री के लक्ष्य 2025 तक देश से पूरी तरह क्षय रोग के उन्मूलन के प्रयास को और गंभीरता की जरूरत है। पिछले दो साल के आंकड़े देखें तो मरीजों की संख्या बढ़ी है। वहीं सरकार नये क्षय रोगियों की खोज का अभियान चला रही है जिससे उनकी स्क्रीनिंग और इलाज कर मरीजों को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सके। जिले में इस साल अब तक 1636 क्षयरोगी चिह्नित हुए हैं।
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक देश को क्षयरोग से पूर्ण रूप से मुक्त करने का आह्वान किया है। इसकी सफलता के लिए सक्रिय टीबी रोगी खोजने का अभियान चल रहा है। स्क्रीनिंग में संभावित लक्षणों को देखकर जांच में कन्फर्म होने पर ऐसे मरीजों का सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज किया जाता है।
सामुदायिक कार्यक्रम चलाकर लोगों को जागरूक कर टीबी रोग को छिपाने की बजाय उसका इलाज कराने को प्रेरित किया जा रहा है। जिससे क्षयरोग कहीं छिपा न रह जाए। जिले में भी क्षयरोगी खोजी अभियान समय-समय पर चलता है। इस साल अब तक 1636 मरीज चिह्नित हुए हैं। वहीं पूर्व के मरीजों का इलाज भी जारी है। ऐसे मरीजों की जांच व इलाज जिला कुष्ठ अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर निशुल्क होता है।
मरीजों को पोषणयुक्त आहार के लिए मिलता है भत्ता
क्षयरोगियों को बेहतर पौष्टिक आहार के लिए सरकार की ओर से हर महीने 500 रुपये पोषण आहार भत्ता निक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत मिलता है। यह धनराशि ऐसे मरीजों को पौष्टिक आहार का सेवन कर खुद को स्वस्थ रखने के लिए दी जाती है।
2210 ने बढ़ाए हैं अब तक मदद को हाथ
क्षयरोगियों को गोद लेने के लिए जिले में बड़े दिलवालों की कमी नहीं है। उन्हें गोद लेने वालों में स्वैच्छिक व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी, चिकित्सक शामिल हैं। इनकी मदद से क्षयरोगियों को पौष्टिक आहार की पोषण पोटली, निजी अस्पतालों में जांच के लिए लगने वाले खर्च आदि में सहायता मिलती है। जिससे इलाज में आसानी होती है।
यह हैं क्षय रोग के लक्षण
- खांसी के साथ बलगम
- बलगम के साथ खून आना
- सोते समय पसीना आना
- भूख कम लगना
- शरीर के किसी हिस्से में गांठ
- नाखून व बाल को छोड़कर शरीर के किसी हिस्से में इससे संबंधित लक्षण दिख सकते हैं
यह बरतें सावधानी
- इधर उधर न थूकें
- टीबी के लक्षण वाले खांसते-छींकते समय अपने मुंह व नाक पर रुमाल रखें
- बलगम के साथ खून आने पर तत्काल किसी सरकारी अस्पताल या संबंधित चिकित्सक से परामर्श लें
वर्ष वार क्षय रोगियों की संख्या
- वर्ष- रोगियों की संख्या
- 2024 अब तक- 1636
- 2023 - 14,855
- 2022 - 10,384
राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत 2025 तक देश को क्षयरोग से मुक्त करने के अभियान की सफलता में समाज के लोगों का सहयोग जरूरी है। नये रोगियों की खोज कर उनका इलाज कर क्षयरोग से मुक्त करने की दिशा में प्रयास चल रहा है। ऐसे मरीजों को गोद लेने के लिए समाज के समर्थ लोगों को आगे आना चाहिए। अब तक 2210 लोगों ने हाथ बढ़ाया है। समाज का कोई भी व्यक्ति क्षयरोगियों को गोद लेकर उनके इलाज व पोषणयुक्त आहार आदि के लिए मदद कर सकता है। इस वर्ष अब तक 1636 क्षयरोगी चिह्नित हुए हैं। -डॉ. मुहम्मद जावेद, जिला कार्यक्रम समन्वयक, राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम मुरादाबाद
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