अमरोहा : रातों में खेतों में पहरेदारी कर रहे किसान, फसल बचाएं या जान
गांव में मौजूद छुट्टा पशु
गजरौला (अमरोहा), अमृत विचार। छुट्टा पशुओं से फसलों को बचाने के लिए किसानों को रात में खेत में पहरा देना पड़ रहा है। रातभर जागकर किसान फसलों की रखवाली करने को मजबूर हैं। हाथ में लाठी व टार्च लेकर खेत पर डेरा जमाए इन किसानों की रात दर्द भरी है। छुट्टा पशुओं से फसल को सुरक्षित करना किसानों के लिए बड़ी चुनौती है। ठंड हो या शीतलहर, गर्मी हो या बरसात रात खेतों में गुजरना उनकी नियति बन गई है। इतना करने के बाद भी पलक झपकते ही छुट्टा पशु उनकी पसीने की कमाई चौपट कर जाते हैं।
समय के साथ सब कुछ बदल गया। अगर नहीं बदला तो वह है किसानों की दयनीय दशा। महंगी सिंचाई, महंगे बीज, महंगी खाद, उसके बाद फसल सुरक्षा के लिए तमाम तरह के कीटनाशकों का छिड़काव। मतलब हर कदम पर खर्च ही खर्च। इसके बाद छुट्टा पशुओं से फसल की निगरानी के लिए 24 घंटे खेत में टकटकी लगाए रखना सबसे बड़ी समस्या है। इसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं है। जगह-जगह गोशाला खुलने के बावजूद छुट्टा पशुओं के झुंड गोशालाओं की प्रासंगिकता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर रहे हैं।
पुश चिकित्सालय प्रभारी निरीक्षक अतुल कुमार ने बताया कि हमारे पास दो गोशाला हैं। दोनों ही छुट्टा पशुओं से फुल हैं। तीसरी गोशाला गांव रहमापुर में बन रही है इसका निर्माण होने के बाद छुट्टा पशुओं पकड़ कर इसमें भेजा जाएगा।
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