कासगंज: बस चालक की गलती से हुई थी भगवान की अमानत में खयानत, ऐसे खुला मामला
सोरोंजी: अमृत विचार: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा भगवान के लिए भेजी गई अमानत में खयानत हो गई, लेकिन इसकी गलती अमानत पहुंचाने वाले दूतों की नहीं बल्कि परिवहन निगम के चालक-परिचालक की रही, जो प्रसाद भगवान वराह के दरबार तक पहुंचाना था। वह चालक-परिचालक की गलती से बदल गया। हालांकि जब मामले ने तूल पकड़ा, तो छानबीन में सच्चाई सामने आई और फिर भगवान के दरबार तक उनकी अमानत पहुंच गई है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के प्रमुख तीर्थो तक दीपोत्सव पर्व पर प्रसाद स्वरुप मिष्ठान और गिफ्ट भेजे थे, लेकिन किसी तरह से रोडवेज बस चालक की गलती से फेरबदल हो गया था। डिब्बे में लोकल मिठाई मिलने से भगवान वराह मंदिर के महामंडलेश्वर आशतोषानंद गिरी ने नाराजगी जाहिर की भगवान के साथ इसे छलावा बताया, फिर यह मामला तूल पकड़ने लगा। अमानत में हुई खयानत की चर्चा जिले के अलावा शासन तक पहुंच गई।
प्रशासन ने जांच शुरू कराई, पता चला कि जो प्रसाद बदल गया वह रोडवेज चालक परिचालक की गलती रही। कन्नौज डिपों की बस में लखनऊ से प्रसाद आया। उस बस में मिठाई के और भी पैकेट थे, जो अलग अलग लोगों के थे। गलती से भगवान वराह का प्रसाद बस में ही एक सुरक्षित स्थान पर रखा रह गया और गलत प्रसाद यहां पहुंच गया। पूरी छानबीन के बाद बस चालक परिचालक ने सुरक्षित रखे प्रसाद प्रशासन के अधिकारियों तक पहुंचा दिया, जो भगवान वराह के मंदिर तक पहुंच गया है।
पहले स्थानीय प्रसाद भगवान वराह के दरबार तक पहुंच गया, जबकि मुख्यमंत्री की ओर से स्पष्ट किया जा चुका था कि भगवान वराह के दरबार के लिए अनुपम भेंट भेजी गई है। महामंडलेश्वर ने जब इस बदलाव को देखा तो नाराजगी जाहिर की। अब प्रशासन की ओर मुख्यमंत्री द्वारा भेजा गया प्रसाद भगवान वराह के द्वार तक पहुंच गया- नरेश त्रिगुणायत, महंत भगवान वराह मंदिर।
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