Bareilly News: बसपा के हो इसीलिए लिखा बिजली चोरी का मुकदमा..मामला जान हैरान रह जाएंगे

Bareilly News: बसपा के हो इसीलिए लिखा बिजली चोरी का मुकदमा..मामला जान हैरान रह जाएंगे

बरेली, अमृत विचार। पशुपतिनाथ विहार में बसपा नेता तौफीक प्रधान के आवास पर बिजली चोरी के केस की विवेचना करने पहुंचे पावर कॉरपोरेशन की विजिलेंस के विवेचक ने उनके साथ यह कहकर सहानुभूति जताई कि बसपा नेता होने घर पर बसपा का झंडा लगे होने की वजह से उन पर रिपोर्ट दर्ज हो गई। भाजपा नेता होते तो बिजली चोरी करने के बाद भी रिपोर्ट दर्ज न होती। 

उन्होंने इंस्पेक्टर को भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव का आदमी बताया। विवेचक की बसपा नेता से इस बातचीत का वीडियो वायरल होने के बाद विभाग में हल्ला कटा हुआ है।

तौफीक प्रधान बसपा के टिकट पर बिथरी चैनपुर क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। करीब साल भर पहले उनके आवास पर पावर कॉरपोरेशन की विजिलेंस टीम के इंस्पेक्टर शुजात हुसैन ने टीम के साथ चेकिंग की थी। घर में चोरी पकड़ने के बाद विजिलेंस ने बसपा नेता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। हालांकि बसपा नेता ने घर में बिजली चोरी होने से इन्कार किया था। अब बिजली चोरी के इस केस की विजिलेंस के विवेचक सत्येंद्र कुमार विवेचना कर रहे हैं।

हाल ही में सत्येंद्र कुमार विवेचना के लिए तौफीक प्रधान के घर पहुंचे थे। अब विवेचक सत्येन्द्र कुमार का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह तौफीक प्रधान से कह रहे हैं कि उनके मकान पर बसपा का झंडा लगा होने की वजह से उनके खिलाफ चोरी की रिपोर्ट दर्ज की गई है। अगर बसपा की जगह भाजपा का झंडा लगा होता तो चोरी होने के बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जाती। 

विवेचक ने कहा कि इंस्पेक्टर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आदमी हैं। उनका कहना है कि उनके खिलाफ जो शिकायत दी गई है, उसे वापस लेने पर मुकदमे में समझौता किया जा सकता है। विवेचक वीडियो में यह आश्वासन दे रहे हैं कि जांच उनके हाथ में है, वह इस केस को खत्म करा देंगे।

महिला की मौत पर हटाई गई थी विजिलेंस टीम
विजिलेंस टीम ने पिछले साल 10 जुलाई को कांकरटोला में दिन निकलने से पहले सरवर जहां का दरवाजा खटखटाया था। आरोप है कि दरवाजे पर डंडे मारे और शोर मचाया। इससे सदमे में आई सरवर जहां की हार्टअटैक से मौत हो गई। मामले का शासन के संज्ञान लेने के बाद डीजी विजिलेंस के आदेश पर एसपी विजिलेंस जांच के लिए पहुंचे थे। जांच के बाद डीजी ने छापा मारने वाली टीम के प्रभारी इंस्पेक्टर और चारों पुलिसकर्मियों को हटाकर अलग-अलग जिलों में भेज दिया था।

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