शाहजहांपुर: सिर्फ 29 लाख पर ठिठकी ढाई करोड़ के घोटाले की रिकवरी, विभाग के पास वापस आए नोटिस
शाहजहांपुर, अमृत विचार: ढाई करोड़ के वृद्धावस्था पेंशन घोटाले की रिकवरी दुर्दशा का शिकार हो गई है। अधिकारियों के दावे धराशायी हो गए हैं। ढाई करोड़ के घोटाले में सिर्फ 29 लाख रुपये की रिकवरी हो सकी है। सौ से ज्यादा लोगों ने समाज कल्याण विभाग की ओर से भेजे गए नोटिस ही नहीं लिए हैं। ऐसे में नोटिस वापस आ गए हैं। दूसरी ओर अभी तक क्राइम ब्रांच घोटाले के मुख्य आरोपी पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। जिसको लेकर सवाल उठ रहे हैं।
वृद्धावस्था पेंशन घोटाला लगभग ढाई करोड़ रुपये का है। 2390 बुजुर्गों की पेंशन का पैसा जालसाजों ने अपने चहेतों के खाते में भेजकर हड़प लिया। मामले का खुलासा 5 अप्रैल 2023 को उस वक्त हुआ था जब शासन ने तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार को निलंबित कर दिया था।
इसके बाद 20 सितंबर को जिला समाज कल्याण अधिकारी वंदना सिंह ने घोटाले की रिपोर्ट सदर थाने में दर्ज कराई। जिसमें कहा गया था कि पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार ही शामिल नहीं थे बल्कि आठ अन्य लोग भी थे। जिनमें सीतापुर का निवासी विशाल सक्सेना व सूरज, शाहजहांपुर का निवासी साकिब, सीतापुर का निवासी खुशाल, कांट शाहजहांपुर निवासी प्रियांशु शर्मा, खपरीपुर सदर बाजार शाहजहांपुर का निवासी राम औतार, निकरा शाहजहांपुर निवासी सतीश कश्यप, पलहौरा कांट निवासी पप्पू भी शामिल हैं।
वर्तमान में घोटाला केस की विवेचना क्राइम ब्रांच कर रही है। अब तक एक बिचौलिया ही गिरफ्तार किया जा सका है। जबकि मुख्य आरोपी पूर्व समाज कल्याण अधिकारी अब भी फरार है। क्राइम ब्रांच को लेकर कितने भी दावे किए जाते हों, लेकिन अभी तक क्राइम ब्रांच पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी तक नहीं पहुंच पाई।
एफआईआर नहीं कराना चाहते थे अधिकारी
घोटाला उजागर होने के बाद भी उच्च अधिकारी मामले में एफआईआर नहीं कराना चाहते थे। तर्क दिया जा रहा था कि घोटाले के पैसे की रिकवरी करनी है। अगर एफआईआर दर्ज कराई गई तो पैसे की रिकवरी नहीं हो पाएगी। यह बात कहते हुए काफी दिनों तक एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई।
इसके बाद भी गबन किए गए पैसे की रिकवरी का ग्राफ नहीं बढ़ सका। हालांकि बाद में जिला समाज कल्याण अधिकारी वंदन सिंह ने केस दर्ज करा दिया, लेकिन रिकवरी अपेक्षा के अनुसार नहीं हो सकी। सौ से ज्यादा लोगों ने तो समाज कल्याण विभाग की ओर से भेजा गया रिकवरी का नोटिस ही नहीं लिया। ऐसे में नोटिस वापस आए गए।
समाज कल्याण विभाग की ओर से गबन किए गए पैसे की रिकवरी करने का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक लगभग 29 लाख रुपये की रिकवरी हो चुकी है। विभाग ने रिपोर्ट दर्ज करवा दी है। कानूनी कार्रवाई पुलिस विभाग की ओर से की जा रही है--- वंदना सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी।
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