Pilibhit News: राज्यमंत्री की नाराजगी पड़ी भारी...हटाए गए सिटी मजिस्ट्रेट, तत्काल छोड़ना होगा कार्यभार, जानिए पूरा मामला

Pilibhit News: राज्यमंत्री की नाराजगी पड़ी भारी...हटाए गए सिटी मजिस्ट्रेट, तत्काल छोड़ना होगा कार्यभार, जानिए पूरा मामला

पीलीभीत, अमृत विचार। जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी समेत कई अफसरों के बाद जनपद में तैनात सिटी मजिस्ट्रेट सुनील कुमार का भी शासन स्तर से तबादला कर दिया गया। उन्हें सीतापुर में अपर जिलाधिकारी न्यायिक पद पर नई तैनाती दी गई है। जबकि इनके स्थान पर बिजनौर के एसडीएम विजय वर्धन तोमर को पीलीभीत का नया सिटी मजिस्ट्रेट बनाया गया है।

उत्तर प्रदेश नियुक्ति अनुभाग -2 के विशेष सचिव मदन सिंह गर्ब्याल की ओर से सात फरवरी को इसके आदेश कर दिए गए थे। आठ फरवरी को आदेश पीलीभीत पहुंचते ही मामला चर्चा का विषय बन गया। राज्यमंत्री गन्ना एवं चीनी मिल संजय सिंह गंगवार की नाराजगी को ही सिटी मजिस्ट्रेट के तबादले की मुख्य वजह माना जा रहा है। बताते हैं कि कई दिनों से सिटी मजिस्ट्रेट की कार्यशैली को लेकर राज्यमंत्री खफा चल रहे थे। बीसलपुर रोड पर रुपपुर कृपा गांव में चल रहे निर्माण कार्य को ध्वस्त कराने के लिए एक टीम पहुंची थी। 

उस वक्त पहले ये कहा गया था कि अवैध तरीके से प्लाटिंग की जा रही है। सिटी मजिस्ट्रेट के निर्देश पर टीम के पहुंचने का शोर मचा रहा था लेकिन सिटी मजिस्ट्रेट सुनील कुमार टीम के पहुंचने की बात अनभिज्ञता जता गए थे। उधर, दूसरे पक्ष ने दावा किया था कि जगह उनकी है और इस पर प्लाटिंग नहीं की जा रही। टीम को बैरंग होकर लौट आई थी लेकिन इसके साथ ही सिटी मजिस्ट्रेट राज्यमंत्री की रडार पर आ गए थे। 

कई अन्य लोगों से भी कुछ शिकायतें राज्यमंत्री तक पहुंची थीं। बताते हैं कि यूपी बजट सत्र के दौरान लखनऊ पहुंचे राज्यमंत्री ने कई बिंदुओं पर सिटी मजिस्ट्रेट की कार्यशैली पर सवाल उठाए और शासन स्तर तक शिकायत की। जिसके बाद ही तबादला होने की चर्चाएं जोर पकड़ गई। उधर, अधिकारी दबी जुबां से इस बात से स्वीकारते रहे कि तबादले के राज्यमंत्री की नाराजगी ही वजह रही होगी। फिलहाल मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

तत्काल करें कार्यभार ग्रहण, नहीं स्वीकृत कोई अवकाश
उत्तर प्रदेश नियुक्ति अनुभाग -2 के विशेष सचिव मदन सिंह  मदन सिंह गर्ब्याल की ओर से जारी किए गए दोनों आदेशों में साफ तौर कहा गया है कि दोनों अफसर प्रतिस्थानी की प्रतीक्षा किए बगैर तत्काल नवीन तैनाती के पद पर कार्यभार ग्रहण करें। कार्यभार प्रमाणक शासन को उपलब्ध कराएं। यदि कार्यभार ग्रहण नहीं किया तो अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। ये भी आदेश किए कि नियंत्रक प्राधिकारी द्वारा स्थानांतरित अधिकारी को कोई अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा। तत्काल कार्यमुक्त कर दिया जाए। अगर स्थानांतरित अधिकारी को तत्काल कार्यमुक्त नहीं किया जाता है तो यह अनुशासनहीनता मानी जाएगी और संबंधित के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जायेगी।

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