रुद्रपुर: उपनल संविदा कर्मियों का कार्य बहिष्कार 12 से

रुद्रपुर, अमृत विचार। पांच सूत्रीय मांगों पर कार्रवाई नहीं होने से नाराज उपनल कर्मियों ने आक्रोश व्याप्त है। विरोध में कर्मियों ने 12 फरवरी से उपनल संयुक्त मोर्चे के तहत कार्य बहिष्कार की चेतावनी दे दी है। इसको लेकर जिले के उपनल संविदा कर्मियों में गेट मीटिंग की। इसमें उपनल कर्मियों ने सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है।
बुधवार को उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ शाखा ऊधमसिंह नगर से जुड़े कर्मी विकास भवन पहुंये और गेट मीटिंग की। इस दौरान उपनल कर्मियों ने कहा कि वे कई बार समस्याओं के निस्तारण के लिए शासन को पत्र भेज चुके हैं। जिसका निस्तारण तो दूर वार्ता के लिए भी पदाधिकारियों को नहीं बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद से कम वेतन में काम करते हुए अपना अमूल्य समय विभागों में काम करते हुए निकाल दिया है। अब उनकी उम्र 40 से 45 वर्ष हो गयी है।
उनको नियमित करने की बजाय अब सरकार बिना कारण बताए नौकरी से निकाल रही है। जो काम कर रहे हैं उनको न तो समय पर वेतन दिया जा रहा है और न ही महंगाई को देखते हुए उनके वेतन में बढ़ोतरी की जा रही है। वर्ष 2021 से कर्मियों के वेतन में एक रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं की गयी है, जबकि अन्य सरकारी कर्मचारियों का 18 से 22 प्रतिशत तक महंगाई भत्ता बढ़ा दिया गया है। इसे उपनल कर्मी किसी भी कीमत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस अवसर पर संघ के जिला संयोजक मनोज कुमार, जिलाध्यक्ष कमलजीत सिंह, उपाध्यक्ष कुलदीप कुमार, मो. यासीन, पूरन शर्मा, प्रमोद सिराड़ी, भूपाल राणा, जीत सिंह, राजेश कुमार समेत कई कर्मी मौजूद रहे।
यह है उपनल कर्मियों की मांग
-सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन एलएलपी को वापस लिया जाए और उच्च न्यायालय के निर्णय को लागू किया जाए।
-उपनल कर्मियों के वेतन में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाए।
-उपनल कर्मियों को महंगाई भत्ता दिया जाए।
- प्रोत्साहन का निर्धारण 0 से 5, 5 से 10 और 10 से 15 वर्ष किया जाए।
-लगातार पांच वर्ष अधिक समय से कार्य कर रहे कर्मियों के लिए पद सृजित किए जाएं।