बिजनौर : घर में सो रहे बुजुर्ग को गुलदार ने उतारा मौत के घाट, एक साल में बीस लोगों की मौत
घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल, हीमपुर दीपा थाना क्षेत्र के गांव जलालपुर हसना का मामला

बिजनौर/हीमपुर दीपा, अमृत विचार। थाना क्षेत्र के एक गांव में शुक्रवार की रात गुलदार ने घर में सो रहे वृद्ध को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जनपद में पिछले एक वर्ष में गुलदार के हमले में हुई यह बीसवीं मौत है। इस घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
मामला थाना क्षेत्र के गांव जलालपुर हसना का है। यहां रहने वाला 65 वर्षीय चंद्रप्रकाश मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता था। उसके परिवार में चार बेटे हैं। शुक्रवार की रात चंद्रप्रकाश अपने घर में टीन शेड के नीचे सो रहा था। रात में किसी समय गुलदार ने उसे मौत के घाट उतार दिया। मृतक के पुत्र रितेश के अनुसार तड़के करीब चार बजे उसकी आंख खुली थीं।
तब उसके पिता चारपाई पर सो रहे थे। सुबह करीब पांच बजे जब वह चाय देने गया तो उसके पिता का चेहरा, गला व सीना खून से लहुलूहान था। पिता की रक्तरंजित लाश देख उसकी चीख निकल गई। इसे सुनकर परिवार के अन्य लोग भी जाग गए और रोने-बिलखने लगे। तब आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए। गुलदार के हमले से चंद्रप्रकाश की मौत की खबर पूरे गांव में जंगल की आग की तरह फैल गई। जिसने भी सुना वही चंद्रप्रकाश के घर की ओर दौड़ पड़ा। देखते ही देखते यह खबर आसपास के गांवों में भी फैल गई। कुछ ही देर में चंद्रप्रकाश के घर लोगों की भीड़ जुट गई।
ग्रामीणों का कहना है कि गुलदार लगातार गांव के आसपास देखा जा रहा था। शुक्रवार की शाम भी हरपाल, शीशपाल, ब्रहमपाल आदि को गांव के पास गुलदार दिखाई दिया था। सूचना पर वन विभाग की टीम व पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई। वन विभाग की टीम ने गुलदार के पद चिन्हों को देखते हुए जंगल में कांबिग की। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। गुलदार को लेकर क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
एक साल में गुलदार ने 20 लोगों मौत के घाट उतारा
जनपद में पिछले एक वर्ष में गुलदार का यह बीसवां शिकार हैं। गुलदार का जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में काफी आतंक है। वन विभाग द्वारा अब तक दो दर्जन से अधिक गुलदार पकड़े जा चुके हैं। इसके बावजूद जनपद में सैकड़ों गुलदार की उपस्थिति मानी जा रही है। पिछले दो-तीन महीने में पांच गुलदारों की हादसों में मौत भी हो चुकी है। पिछले दो वर्षों में गुलदार सैकड़ों पालतू पशुओं का शिकार कर चुके हैं। गुलदारों की आक्रमकता व ग्रामीण क्षेत्रों में व्याप्त भय से मुक्ति दिलाने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन भी जिला व तहसील स्तर पर कई बार धरना प्रदर्शन कर चुकी है। इसके बावजूद जिला प्रशासन इस विपत्ति से आमजन को मुक्ति दिलाने में नाकाम साबित हो रहा है।
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