Unnao News: कैसे संतुलित होगा पर्यावरण? फोरलेन डिवाइडर पर लगे 150 पेड़ों को हटाने की तैयारी शुरू...

उन्नाव में फोरलेन डिवाइडर पर लगे पेड़ों को हटाने की तैयारी शुरू हो गई है।

Unnao News: कैसे संतुलित होगा पर्यावरण? फोरलेन डिवाइडर पर लगे 150 पेड़ों को हटाने की तैयारी शुरू...

उन्नाव में फोरलेन डिवाइडर पर लगे पेड़ों को हटाने की तैयारी शुरू हो गई है। यहां समाजसेवियों के अलावा अन्य लोगों ने छोटे-बड़े छायादार पौधे लगाये थे। जो अब धीरे-धीरे बड़े हो रहे हैं।

उन्नाव, अमृत विचार। लोग पर्यावरण संतुलन बनाये रखने के लिये संकल्प लेने के साथ ही वृक्षारोपण करते हैं। शुक्लागंज उन्नाव फोरलेन डिवाइडर के बीच समाजसेवियों के अलावा अन्य लोगों ने छोटे-बड़े छायादार पौधे लगाये थे। जो अब धीरे-धीरे बड़े हो रहे हैं। इन पेड़ों की जड़ें मिट्टी तक नहीं हैं, ऐसे में यह पेड़ कभी भी धराशायी हो सकते हैं। फोरलेन के डिवाइडर पर लगे पेड़ों को चिन्हित कराकर उन्हें हटाने का काम जल्द ही किया जायेगा।

बताते चलें कि वर्ष 2015-16 में उन्नाव शुक्लागंज फोरेलन निर्माण के दौरान 2 हजार 2 सौ 35 वृक्षों का पतन किया गया था। फोरलेन बनने के बाद शुक्लागंज से लेकर उन्नाव तक राहगीरों को सिर छिपाने और छाया के लिये एक भी पेड़ नहीं थे। जिसे देखते हुये नगर पालिका की ओर से फोरलेन के डिवाइडर पर पौध रोपण कराये गये थे। इसके साथ ही नगर के समाजसेवियों ने भी डिवाइडर पर पौध रोपण किये थे। 

अब पालिका की ओर से सुबह शाम डिवाइडर पर लगे पौधों पर पानी डलवाने का भी काम किया जा रहा है, धीरे-धीरे सभी पेड़ बड़े और छायादार हो रहे हैं लेकिन फोरलेन के नीचे अंग्रेजों के समय की सड़क बनी हुयी है। जिस कारण पेड़ की जड़ें नीचे नहीं पहुंच सकती है। इसे देखते हुये डॉकतार कॉलोनी निवासी पूर्व नौ सैनिक और पूर्व रणजी खिलाड़ी, संदेश फाउंडेशन के अध्यक्ष व पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि संदीप पांडे ने पीडब्ल्यूडी से आरटीआई के जरिये ऐसे पेड़ों के संबंध में जबाव मांगा था। 

जिस पर विभाग ने बताया कि डिवाइडर के बीच डेढ़ मीटर से अधिक ऊंचाई के पेड़ नहीं लगाये जा सकते हैं। विभाग ने ऐसे करीब 150 पौधों को चिंहित कर दूसरे स्थान पर लगाने की बात कही थी। जिससे जल्द ही डिवाइडर पर लगे पौधों को विभाग हटवायेगा।

नियमानुसार नहीं हैं डिवाइडर पर लगे पौधे

फोरलेन के डिवाइडर पर लगे छायादार पेड़ नियमानुसार नहीं हैं, ऐसे में तेज आंधी, तूफान में कभी भी पेड़ गिर सकते हैं, क्योंकि उनकी जड़ें अंग्रेजों के जमाने की सड़क तक हैं, मिट्टी से पकड़ न होने के कारण राहगीरों के लिये खतरा बने हुये हैं।

पुराने पेड़ देते हैं भरपूर ऑक्सीजन

विशेषज्ञों की माने तो जो भी पेड़ 20 वर्ष से पुराने हो जाते हैं वह लगभग 250 लीटर ऑक्सीजन प्रतिदिन प्रदान करता है लेकिन पेड़ों का बदस्तूर पतन जारी है। जिस कारण ऑक्सीजन की मात्रा पर अत्यधिक प्रभाव पड़ेगा और वह तेजी से कम हो जायेगी।

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