शाहजहांपुर: अभिलेखों की हेराफेरी में बर्खास्त लेखपाल पर धोखाधड़ी की रिपोर्ट
गेल इंडिया कंपनी का परियोजना निदेशक बता खोल दिया फर्जी ऑफिस, कर्मचारियों को वेतन नहीं देने पर दर्ज हुआ मामला, छह करोड़ की कर चुका ठगी
शाहजहांपुर, निगोही, अमृत विचार: राजस्व अभिलेखों में हेराफेरी के आरोप में बर्खास्त लेखपाल ने गेल इंडिया कंपनी के नाम से फर्जी शाखा खोलकर धोखाधड़ी करने लगा। कंपनी के कर्मचारियों की शिकायत पर पुलिस ने उसकी जालसाजी का भंडाफोड़ कर दिया। पुलिस ने उसके कब्जे से भारी मात्रा में कूटरचित दस्तावेज, कंप्यूटर उपकरण व नगदी, रबर, मोहरें आदि बरामद किया है। पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी का चालान भेजा है।
जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया रामनरेश शुक्ला उर्फ नन्हे उर्फ रामास्वामी मोहल्ला खत्ता कस्बा व थाना शाहाबाद, जनपद हरदोई का मूल निवासी है। पुलिस के मुताबिक वह लेखपाल रहते जमीन दूसरे व्यक्ति के गलत नाम पर रजिस्टरों में अंकित कर लाखों रुपया किसानों से ऐंठने के आरोप में अपने विभाग से बर्खास्त कर्मचारी है।
अपनी फर्जी आईडी व आधार कार्ड बनाकर अपना नाम रामनरेश निवासी 144 नगर पराबर कोल्लम केरला 691001 दे रखा है और इसी फर्जी पते के नाम से गैस अथारिटी आफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में अपने आप को परियोजना निदेशक गैस अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड शाहजहांपुर के पद पर बताते हुए एक आफिस का संचालन निगोही में शाहजहांपुर रोड पर भगत सिंह मोहल्ले में हाईवे किनारे किराये के एक भवन की दूसरी मंजिल पर कर रहा था।
आरोप है कि 3200 करोड़ रुपये का टेंडर निकालकर तीन व्यक्तियों को टेंडर देना निश्चित किया। जिनसे रजिस्ट्रेशन के नाम पर करीब तीन लाख रुपये और सिक्योरिटी के नाम पर 9 करोड़ रुपये 10 जनवरी 2024 को देना तय था, जिसमें 18 लाख रुपये की डीडी बनवाकर रामनरेश ने प्राप्त कर ली थी। आरोप यह भी है कि करीब छह करोड़ की ठगी कर चुका है। सूचना पर पुलिस फोर्स आरोपी रामनरेश शुक्ला के ऑफिस में पहुंची, तो वह ऑफिस छोड़कर दस्तावेज लेकर भागने की फिराक में था, लेकिन घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया।
पूर्व विधायक से भी कर चुका है ठगी: रामनरेश शातिर किस्म का अंतरराज्यीय बड़ा ठग है। इसने वर्ष 2012 में थाना क्षेत्र सदर बाजार शाहजहांपुर में भी करोड़ों रुपये की ठगी पूर्व ददरौल विधायक के साथ की थी, जिसमें वह थाना सदर बाजार शाहजहांपुर से जेल गया था और सात महीने जेल में रहा था। इसके बाद तीन बार कोतवाली सिटी जनपद हरदोई से जेल गया। जिसमें रामनरेश ने छह करोड़ रुपये की ठगी करने की बात स्वीकार की है।
ऐसे हुआ खुलासा: रामनरेश इस समय भी अपने किसी अच्छे टारगेट की फिराक में निगोही में एक फर्जी आफिस बनाकर काम कर रहा था, जिसमें करीब 18 कर्मचारियों को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर झांसे में लेकर करीब दो माह से नौकरी करा रहा था, जिनको कोई वेतन नहीं दिया। इसकी कंपनी में मोहम्मद कयूम खां की बेटी को 28 हजार और साले को 22 हजार रुपये में नौकरी पर रखा गया था।
दो माह बाद भी वेतन नहीं मिलने पर कयूम खां ने बेटी और साले से पूछा कि ऑफिस में काम क्या है, तब उन लोगों ने बताया कि कंपनी गैस पाइप लाइन बिछाने का टेंडर निकालने का काम कर रही है। ठगी की जानकारी होने पर मो. कयूम खां ने रविवार को रामनरेश के खिलाफ धोखाधड़ी आदि धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करा दी। इसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने रामनरेश की जालसाजी का खुलासा कर दिया।
गेल कंपनी का अधिकारी बताकर रामनरेश ने फर्जी कंपनी खोल रखी थी। कुछ लोगों ने बतौर कर्मचारी भी रखा था। कयूम खां ने थाने पर शिकायत की थी, जिस पर पुलिस ने जांच की तो पाया कि वह पाइप लाइन बिछाने के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं। रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।- सुधीर जायसवाल, एएसपी सिटी
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