शाहजहांपुर: प्राइवेट अस्पताल में प्रसव के बाद नवजात की मौत, परिजनों ने काटा हंगामा
सीएमओ से शिकायत के बाद जांच करने पहुंचे सीएचसी के डॉक्टर
खुटार, अमृत विचार: गोला मार्ग पर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में प्रसव के बाद नवजात की मौत हो गई। जिस पर परिजनों ने करीब तीन घंटे तक अस्पताल के बाहर हंगामा काटा। शोर मचने पर भारी भीड़ जमा हो गई। इस मामले में खुटार के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर से शिकायत की गई। लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। सीएमओ से शिकायत के बाद सीएचसी के डॉक्टर मौके पर पहुंचे और मामले की जांच की। वहीं सीएचसी प्रभारी डॉक्टर संजीव कुमार ने जांच करने तक अस्पताल बंद रहने का आदेश दिया है।
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क्षेत्र के गांव रायपुर पटियात निवासी शादाब की पत्नी आफरीन को गुरुवार सुबह प्रसव पीड़ा होने पर गोला रोड स्थित आदर्श हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां आफरीन ने बेटे को जन्म दिया, लेकिन इसके कुछ देर बाद नवजात की हालत बिगड़ने लगी और अस्पताल के मौजूद स्टाफ व डॉक्टर ने बच्चे को गोला ले जाने की सलाह दी। जब तक वह लोग गोला जाने की तैयारी करते, तब तक नवजात की सांसे थम चुकी थी।
आरोप है कि इसके बाद भी डॉक्टर आफरीन के परिजनों को सही बात नहीं बता रहे थे, इससे नाराज परिजनों ने प्रसव के दौरान डॉक्टर और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल के बाहर हंगामा करना शुरू कर दिया और मामले की शिकायत खुटार सीएचसी में की। बावजूद इसके किसी डॉक्टर ने मौके पर पहुंच कर जांच करने की जरूरत नहीं समझी, तब फिर शादाब और उसके परिजनों का गुस्सा और बढ़ गया।
इसके बाद मामले की शिकायत सीएमओ से की गई, तब फिर सीएचसी के डॉक्टर अंकित वर्मा ने फार्मासिस्ट विजय पाल वर्मा के साथ मौके पर पहुंच कर जांच की। जहां अस्पताल में मौजूद बीएमएस डॉक्टर लेखराज मिले और पूछताछ कर अभिलेखों को चेक किया और इसके बाद लौट गए।
शादाब के परिजनों का आरोप है कि जांच के नाम पर खानापूर्ति कर पीड़ित से पूछताछ करने की जरा भी जरूरत नहीं समझी और वापस लौट गए। वहीं सीएचसी प्रभारी डॉक्टर संजीव कुमार ने जांच करने तक अस्पताल बंद रहने के निर्देश दिए हैं। जबकि डॉक्टर अंकित वर्मा ने जांच सही नहीं करने पर परिजनों ने रोष जताया है।
बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा अस्पताल
आदर्श हॉस्पिटल में नवजात की मौत के मामले में जांच करने पहुंचे डॉक्टर अंकित वर्मा ने अभिलेख चेक किए। जिसमें पता पता चला कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन कई महीने पहले ही खत्म हो चुका है। लेकिन अस्पताल में महिलाओं की डिलीवरी की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग इस मामले में जांच कर कार्रवाई किए जाने की बात कह रहा है।
सर्जन डॉक्टर का अस्पताल में बोर्ड में चस्पा हो फोटो
सीएचसी प्रभारी डॉक्टर संजीव कुमार ने बताया कि महिलाओं की डिलीवरी के लिए अस्पताल में सर्जन डॉक्टर होना चाहिए। अस्पताल बोर्ड में डॉक्टर का फोटो चस्पा होना जरूरी है। इसके बाद ही महिलाओं की डिलीवरी की जा सकती है। बृहस्पतिवार को प्राइवेट अस्पताल में नवजात की मौत का मामला सामने आया है। जांच करने के दौरान डॉक्टर मौजूद नहीं मिले है। इसमें जांच चल रही हैं और कार्रवाई की जाएगी।
महिला डॉक्टर के बगैर कर दी गई डिलीवरी
हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के बगैर महिला को डिलीवरी के लिए भर्ती कर लिया गया। नवजात की मौत के बाद अस्पताल में जांच करने पहुंचे सीएचसी डॉक्टर अंकित वर्मा ने यह पुष्टि की, कि महिला डॉक्टर के बगैर ही अस्पताल में महिला की डिलीवरी की गई है। उन्होंने जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिया है।
पंद्रह दिन पहले अस्पताल में घट चुकी ऐसी घटना
स्थानीय लोगों ने बताया कि15 दिन पहले इसी अस्पताल में महिला की डिलीवरी के दौरान नवजात की मौत का मामला सामने आया था। लेकिन पीड़ित ने शिकायत नहीं की थी। अस्पताल में बिना सर्जन डॉक्टर, महिला डॉक्टर बगैर ही महिलाओं की डिलीवरी करने का काम कई महीनों से हो रहा है।
विभागीय काम से बाहर गया था, मौके पर डॉक्टर को जांच के लिए भेजा गया है। अभिलेख मांगे गए हैं। अभिलेखों की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी---डॉ संजीव कुमार वर्मा, सीएचसी प्रभारी खुटार।
नवजात शिशु की मौत का मामला संज्ञान में आया है। अस्पताल की जांच कराई जा रही है। यदि अस्पताल अनाधिकृत रूप से चला पाया गया तो संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी---आरके गौतम, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, शाहजहांपुर।
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