शाहजहांपुर: आवेदन के बाद कहां लापता हो गए आवासों के सैकड़ों दावेदार, तीन महीने बाद भी नहीं चल सका पता
शाहजहांपुर, अमृत विचार: प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी की पहली सूची में चुने गए सैकड़ो लोगों का सत्यापन नहीं हो पा रहा है। सवाल उठ रहा है कि आखिर यह लोग कहां गायब हो गए। तीन महीने बाद भी इनका पता आखिर क्यों नहीं चल पा रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के मामले ने पहली बार तब तूल पकड़ा था जब 17 अगस्त 2023 को महिलाओं ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर डूडा कार्यालय पर ही भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था। महिलाओं ने पीओ डूडा पर 7927 लोगों की सूची अनावश्यक रूप से लटकाने का आरोप लगाते हुए जांच कराने की मांग की थी।
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महिलाओं ने डूडा विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पीओ डूडा पर शहर की अपेक्षा नगर पंचायत और नगर पालिकाओं में ज्यादा पीएम आवास बनवाने का आरोप लगाया था। बाद में महिलाएं कार्रवाई की मांग को लेकर नगर निगम भी पहुंची थीं और प्रदर्शन किया था।
मुख्यमंत्री के नाम दिए पत्र में महिलाओं ने कहा था कि डूडा कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार व मनमानी की मजिस्ट्रेटी जांच कराई जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना के नगर निगम क्षेत्र के 7927 पात्र लाभार्थियों की सूची तैयार है। यह सूची तहसील व जिला अधिकारी के यहां से एक साल 11 महीने पहले पास हो चुकी है। इसके बाद भी यह लंबित है।
शासन की ओर से कई पत्र लिखकर सूची की मांग की गई, लेकिन डूडा की ओर से यह सूची शासन को नहीं भेजी गई। मामले के तूल पकड़ने के बाद वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने जांच के आदेश दिए। नगर आयुक्त ने सभी 7927 आवेदकों की दोबारा जांच कराई तो 669 लाभार्थी अपात्र मिले, लेकिन इसके बाद भी उनका नाम पात्र लाभार्थियों की सूची में था।
पहली सूची की जांच में कई लोग अपात्र पाए गए। इसके बाद 1791 लोगों की पात्रता की तीसरी जांच की गई। तीसरी जांच में पांच सौ से ज्यादा लोग नॉट फाउंड मिले। यह लोग दिए गए पते पर रहते हुए नहीं मिले। तीसरी जांच के दौरान सैकड़ों की संख्या में लाभार्थी ट्रेस नहीं हो पाए थे। वह फार्म में दिए गए पते पर रहते हुए नहीं मिले थे। अब अंतिम जांच हुए भी लगभग दो महीने का समय बीत चुका है। इसके बाद भी 500 से ज्यादा लाभार्थी ऐसे हैं जिनका सत्यापन नहीं हो पाया है। यह लोग कहां लापता हैं इसका विभाग के पास कोई जवाब नहीं है। आज भी यह नॉट फाउंड हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत एक लिस्ट पात्र लोगों की बनाई गई थी। वित्त मंत्री के आदेश पर इनकी दोबारा जांच कराई गई तो सैकड़ों लोग अपात्र निकले हैं। साथ ही तमाम लोग नॉट फाउंड हैं। इनका सत्यापन नहीं हो पा रहा है--- एसके सिंह, प्रभारी पीओ डूडा।
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