लखनऊ के इस मेले में मिल रहे 20 रुपये के 10 समोसे, चीनी मिट्टी के बर्तन भी बने आकर्षण का केन्द्र
रविशंकर गुप्ता/ अमृत विचार लखनऊ। राजधानी लखनऊ में चल रहे एतिहासिकि मेले में 20 रुपये के जहां दस समोसे मिल रहे हैं। वहीं दूसरी ओर यहां एक से बढ़कर एक चीनी मिट्टी के बर्तन लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। झूलेलाल पार्क में आयोजित हो रहे इस मेले में दूसरे जिलों से भी भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। इस मेले को कतकी मेला कहा जाता है कुछ लोग इसे बुड़क्की मेला भी कहते हैं। इस मेले की खासियत है कि हर साल इस मेले का बेसब्री से लोगों को इंतजार रहता है। हर साल की तरह से यह मेला लखनऊ में एक माह से अधिक समय तक चलेगा। इसकी शुरूआत 15 दिसंबर से हो गई थी। मेला आयोजकों का कहना है कि कई बार जनता की मांग पर मेले का समय बढ़ाया भी जाता है उम्मीद है कि इस बार भी इसका दो सप्ताह तक समय बढ़ाया जा सकता है।
5 से 10 रुपये हर माल वाले स्टालों पर जुट रही भीड़
मेले की खासियत है कि यहां हर हर माल पांच रुपये और हर माल 10 रुपये वाले स्टाल भी सजाये गये हैं। इन दोनों स्टालों पर किचेन से जुड़ी वस्तुए भी मिल रही हैं। जिसमें चाकू, छिलनी, सम्सी, चम्पच, कटोरी, गिलास सहित कई अन्य वस्तुए शामिल हैं। इसके अलावा 10 रुपये की रेंज में गैस का लाइटर सहित घर में सजावट के सामान भी काफी कम दरों पर उपलब्ध हैं। खास मायनों में देखा जाये तो यहां आपको एक मेले का भरपूर आनंद मिलेगा।
कालीन और दरी भी सस्ते दामों पर
यहां कालीन और दरी के भी स्टाल सजाये गये हैं मेले में इनकी कालीन और दरी की बेहद कम दरे हैं। यहां आपको 30 रुपये से लेकर 500 रुपये तक दरी मिल जायेगी। इसके अलावा क्राकरी सेट भी बेहद कम दामों पर उपलब्ध हैं। मेले में प्रवेश पूरी तरह से मुफ्त रखा गया है।
बच्चों सहित बड़ो के लिए झूले उपलब्ध
मेले में बच्चों सहित बड़े लोगो के लिए झूले उपलब्ध हैं। एक से बढ़कर झूले यहां पर लगाये गये हैं। बच्चों को भी आकर्षित करने वाले झूले सजे हुए हैं। इसके अलावा कम्प्यूटर से भविष्य जानने वालों की भी लाइन लगी हुई है। इसके लिए 5 रुपये का शुल्क लिया जा रहा है।
30 रुपये में डिजाइन 6 कप
यह मेला वैसे तो चीनी मिट्टी के बर्तनों के लिए काफी मशहूर है। मेले की खासियत है कि यहां चीनी मिट्टी के बर्तनों को बहुत सी डिजान मिल जायेगी। एक से बढ़कर एक डिजाइनों देखकर जहां आकर्षित हो रहे हैं वहीं लोग खरीददारी भी तेजी से कर रहे हैं। कई स्टालों पर लोग निर्धारित दरों में भाव ताव भी आसानी से कर लेते हैं।
नवाबी काल से चल रहा है मेला
इस मेले का आयोजन नवाबी काल से होता आ रहा है। इस मेले में खास बात ये भी है कि इसमें हिंदू मुस्लिम आपसी भाई चारे की मिसाल पेश करते हुए एक साथ अपनी-अपनी दुकाने सजाते हैं। इसके अलावा इस मेले में घूमने के लिए जहां हिंदू वर्ग के लोगों की काफी भीड़ रहती है वहीं दूसरी ओर मुस्लिम वर्ग के लोग भी यहां भारी संख्या में आते हैं। मेले में असुरक्षा का भी कोई माहौल नहीं रहता है।
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