Exclusive: राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हस्तशिल्पी ने नायाब शजर से बनाया राम मंदिर, प्राण प्रतिष्ठा के पहले PM Modi को करना चाहते भेंट

राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हस्तशिल्पी ने नायाब शजर से बनाया राम मंदिर।

Exclusive: राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हस्तशिल्पी ने नायाब शजर से बनाया राम मंदिर, प्राण प्रतिष्ठा के पहले PM Modi को करना चाहते भेंट

राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हस्तशिल्पी ने नायाब शजर से बनाया राम मंदिर। प्राण प्रतिष्ठा के पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेंट करना चाहते हैं। ताजमहल, कालिंजर दुर्ग,टेबल लैंप समेत कई कलाकृतियां द्वारिका सोनी बना चुके हैं।

बांदा, (पवन तिवारी)। देश ही नही विदेशों में भी अयोध्याधाम में बन रहा राममंदिर लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। बड़े कार्यक्रमों में लोग राममंदिर की कृति ही आम से लेकर खास तक को भेंट करना चाहते हैं। भगवान श्रीराम से प्रभावित होकर जनपद के हस्तशिल्पी ने डेढ़ वर्ष की कड़ी मेहनत से अयोध्याधाम में बन रहे राममंदिर को शजर पत्थर से निर्मित कर एक अनोखा निर्माण कर दिखाया है। वह इस कृति को आज सबके सामने लाएंगे। वहीं उनकी तमन्ना है कि वह प्राण प्रतिष्ठा से पहले इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को समर्पित करें।

"अमृत विचार" से हुई एक्सक्लूसिव बातचीत में शहर के राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शजर हस्तशिल्पी द्वारिका प्रसाद सोनी बताते हैं कि इस कारोबार ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। उन्हें शजर पत्थर से तैयार कलाकृति टेबल लैंप के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा गया था। कई बार उनकी कलाकृतियों को विभिन्न हस्तशिल्प प्रदर्शनियों में सराहना मिल चुकी है।

शजर के चुनिंदा टुकड़ों को एकत्र करके वह कई कलाकृतियां बना चुके हैं। उन्होंने शजर के टुकड़ों से ताजमहल, टेबल लैंप, कालिंजर दुर्ग, राष्ट्रीय ध्वज, शो-पीस, चेस बोर्ड आदि कलाकृतियों को तैयार कर चुके हैं। जिसके लिए उन्हें कई बार सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शजर को ओडोओपी और जीआई टैग दिलाकर इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं।

उन्होंने बताया कि राम मंदिर का फैसला सुनने और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद से ही उन्होंने राममंदिर के लिए केन नदी में पाए जाने वाले नायाब शजर पत्थर के चुनिंदा टुकड़ों को तराशकर घर पर ही राम मंदिर का निर्माण करना शुरू कर दिया था। लगभग डेढ़ साल के अंतराल में यह मंदिर अब बनकर तैयार है।

Kanpur  (18)

उन्होंने बताया कि अयोध्याधाम में जिस तरह अलग–अलग पत्थरों को एक दूसरे से जोड़कर रखा गया है ठीक उसी तरह मैंने भी शजर के कई तरह के टुकड़ों को पिरोकर इस मंदिर का निर्माण किया है। यह मंदिर अयोध्या में बन रहे राममंदिर की कॉपी की तरह ही है। 

प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम को देना चाहते हैं भेंट 

हस्तशिल्पी द्वारिका सोनी अयोध्याधाम में बन रहे राममंदिर का श्रेय वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देते हैं। वह भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा से पहले शजर पत्थर से तैयार राममंदिर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को समर्पित करना चाहते हैं। वह इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय के माध्यम से संपर्क भी कर चुके हैं लेकिन अभी तक उन्हें सफलता नहीं मिली है। उनका कहना है मीडिया के माध्यम से मैं पीएम मोदी के व्यस्त कार्यक्रम में थोड़ा समय चाहता हूं जिससे यह नायाब कृति उन्हे सौंप सकूं।

Kanpur  Ayodhya Mandir

भारत में केन नदी में पाया जाता है "शजर" 

द्वारिका सोनी बताते हैं कि भारत में केवल केन नदी पर पाए जाने वाले इस पत्थर के बारे में कहा जाता है कि किसी खास नक्षत्र में चंद्रमा का प्रकाश और नदी के किनारे मौजूद छायाचित्रों के सम्मिश्रण से तैयार होता है। इस पत्थर को तराशने पर इसमें पेड़, पौधों के अलावा अन्य कई प्रकार के छायाचित्र देखने को मिलते हैं। वहीं वैज्ञानिकों की राय में यह सिलिका का यौगिक है। कहते हैं कि केन नदी में पाए जाने वाले पत्थरों की दो पर्तों के बीच मैगनीज और आइरन के विशिष्ट आकार में जमा होने की क्रिया से इसमें ऐसी अद्भुद आकृतियां बन जाती हैं। बहरहाल कारण कुछ भी हो शजर में अंकित नाचता मोर, चांद, फल, फूल, पेड़, पौधे और मानव की छायाकृति लोगों का मनमोह लेती है।

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