अमेठी को 14 सालों के बाद भी नहीं मिल सका अपना एक अदद बस अड्डा, जनता परेशान, अधिकारी मस्त!
परिवहन निगम की बसों के बेड़े में भी आई कमी, 50 से हो गईं 44

अमेठी। अमेठी डिपो के बेड़े में दो नयी यूरो-सिक्स बसें शामिल हुई हैं। अब डिपो में बसों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है। अग्निवीर भर्ती रैली में आने वाले युवाओं की सुविधा के लिए एक दर्जन बसें अमेठी से सुल्तानपुर चलाई जा रही हैं। यातायात सेवाओं के मामले में अमेठी डिपो की सेवाएं जनता की मांग पूरी नहीं कर पा रही हैं। जिला मुख्यालय गौरीगंज में बसें सड़क पर खड़ी होती हैं। चौदह साल में भी जिला प्रशासन और रोडवेज के अधिकारी बस स्टेशन की स्थापना के लिए जमीन नहीं खोज पाए हैं।
कांग्रेस, बसपा और सपा के शासनकाल में डिपो के बेड़े में बसों की संख्या पचास के ऊपर थी। यह संख्या अब घटकर 41 हो गई है। बाजार सुकुल के लिए अमेठी से कोई बस नहीं है। भादर भांई सुल्तानपुर बस सेवा भी काफी समय से बंद है। दिसम्बर माह में डिपो का लोड फैक्टर घट कर 53 पहुंच गया है।
नये स्टेशन अधीक्षक ने कार्यभार संभाला
लखनऊ जिले की मूल निवासी और अब तक सुल्तानपुर में तैनात रहीं सुशीला देवी ने स्टेशन अधीक्षक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया है। बुकिंग क्लर्क जी एन दूबे का स्थानांतरण अयोध्या हो गया है। जीएन दूबे के स्थान पर पूरन लाल ने बीसी का चार्ज लिया है। बसों के आवागमन की जानकारी देने के लिए साउंड सिस्टम काफी समय से बंद है।
डिपो को दो यूरो-6 बसें हाल में ही प्राप्त हुई हैं। इन्हें आजमगढ़-लखनऊ मार्ग पर चलाया जा रहा है। उपलब्ध संसाधनों की सहायता से यात्रियों को बेहतर सेवाएं दी जा रही हैं। सवारियां कम निकलने के कारण दिसम्बर माह में लोड फैक्टर डाउन हुआ है।
काशीप्रसाद, एआरएम, अमेठी
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