सुलतानपुर: कब्जेदारी को लेकर हुए विवाद में दियरा राज परिवार को थाने में गुजरानी पड़ी रात

सुलतानपुर: कब्जेदारी को लेकर हुए विवाद में दियरा राज परिवार को थाने में गुजरानी पड़ी रात

मोतिगरपुर/सुलतानपुर, अमृत विचार। जिले के चर्चित दियरा राज परिवार में  कब्जेदारी को लेकर हुए विवाद में प्रशासन की शक्ति के चलते प्रतीक शाही और वैभव शाही को शनिवार की रात थाने में गुजारनी पड़ी। पुलिस ने शनिवार दोपहर में दोनों का शांति भंग में 151 की कार्रवाई करने के बाद चालान कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। जहां पर भारी 10-10 लाख रुपये के निजी मुचलका जमा करने के बाद दोनों को सशर्त जमानत दी गई। इसके साथ ही दोनों पक्षों की तरफ से 13 लोगों को भी शांति भंग में पाबंद किया है।

स्थानीय थाना क्षेत्र मे बीते शनिवार दोपहर करीब 11 बजे दियरा राजघराने के प्रतीक शाही और वैभव शाही मोतिगरपुर थाने पहुंचे। जहां प्रतीक शाही ने राज परिवार के ही वैभव शाही पर मां इंदू शाही के साथ राज महल के एक कमरे का ताला तोड़कर जबरन अंदर घुसने का आरोप लगाया था, तो वहीं वैभव शाही ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि शनिवार दोपहर प्रतीक शाही ने उन पर फायरिंग की।

 प्रतीक शाही के साथ आये सहयोगियों ने उनके वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इस बीच हाई प्रोफाइल मामले को विवाद और फायरिंग की वायरल खबर को संज्ञान लेते हुए एसडीएम (न्यायिक) जयसिंहपुर वंदना पांडेय और सीओ जयसिंहपुर प्रशांत सिंह ने देर शाम मौके का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पता चला कि वैभव सुबह अपनी मां को लेकर राज भवन पहुंचे थे। जिसके विवाद दोनों में विवाद हुआ। 

मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों के निर्देश पर रात में ही इंदू शाही को सुरक्षित वापस उनके सुलतानपुर आवास भेजवा दिया। जबकि दोनों पक्षों के समर्थकों की जमा होने का हवाला देते हुए प्रतीक शाही और वैभव शाही को थाने में ही बैठा लिया। राजघराने के दोनों युवकों की रात थाने में कटी। दोनों के समर्थकों ने उनके खाने-पीने की व्यवस्था की। 

रविवार दोपहर 2 बजे के करीब दोनों का मेडिकल परीक्षण करने के बाद 151 की कार्रवाई करते हुए पुलिस ने दोनों को एसडीएम जयसिंहपुर अरविंद कुमार के सामने पेश किया। जहां दोनों को 10-10 लाख निजी मुचलके पर सशर्त जमानत दी गई। साथ ही वैभव पक्ष के 7 और प्रतीक पक्ष के 6 लोगों को शांत व्यवस्था के तहत पाबंद किया गया। दिन भर दोनों पक्षों के समर्थक थाना मुख्यालय से लेकर तहसील तक डटे रहे।

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