आगरा को Street dog के खतरे से बचाएगा नगर निगम, 11 करोड़ से ज्यादा खर्च कर 1 लाख आवारा कुत्तों का होगा बांध्यीकरण 

सितंबर 2022 से लेकर नवंबर 2023 तक 37000 से ज्यादा नर एवं मादा के श्वानों का हुआ बांध्यीकरण 

आगरा को Street dog के खतरे से बचाएगा नगर निगम, 11 करोड़ से ज्यादा खर्च कर 1 लाख आवारा कुत्तों का होगा बांध्यीकरण 

रंजीत गुप्ता ‘ओखरा’ / आगरा, अमृत विचार। आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी और उनके हमले से बचने के लिए आगरा नगर निगम के पशु चिकित्सा विभाग का एक अनूठा प्रयास सामने आया है। आगरा नगर निगम के पशु चिकित्सा विभाग ने सितंबर 2022 से लेकर 29 नवंबर 2023 तक 38269 नर एवं मादा श्वानों का बांध्यीकरण कर उनके आबादी नियंत्रण पर काम किया है। आंकड़े बताते हैं कि आगरा शहर में लगभग 1 लाख से ज्यादा की तादाद में नर और मादा आवारा स्वान है और प्रतिवर्ष 25% की दर से इनकी आबादी में इजाफा होता है। आगरा नगर निगम ने एनिमल बर्थ कंट्रोल और एनिमल रेबीज वैक्सीनेशन के तहत चलाए जा रहे अभियान के जरिए तीन तीन संस्थाओं श्याम हेल्पिंग इनसाइड चैरिटेबल वेलफेयर सोसाइटी और डॉ सुनील गौतम की मदद से बीते एक वर्ष में 37000 से ज्यादा श्वानों का बांध्यीकरण किया है । आगरा नगर निगम इन संस्थाओं की मदद से प्रतिदिन 100 कुत्तों को  पकड़कर उनका बांध्यीकरण करती है। एक श्वान बांध्यीकरण पर 1139 रुपया का खर्च आता है। इन आंकड़ों के हिसाब से अब तक 38269 श्वानों का बांध्यीकरण किया गया है, जिस पर 4 करोड़ 35 लाख 88391 रुपए का खर्च आया है l  

नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक किसी भी शहर की आबादी के परस्पर शहर में 3 से 6 प्रतिशत स्वान आबादी पाई जाती है। आगरा शहर की जनसंख्या 22 लाख से अधिक है इस लिहाज से आगरा शहर में लगभग एक से सवा लाख तक श्वान हैं । जिनमें से अभी 38269 का ही बांध्यीकरण हुआ है। अगर 125000 में से एक लाख कुत्तों के बांध्यीकरण में नगर निगम सफल होता है तो लगभग 11 करोड़ 39 लख रुपए के खर्चे से आगरा नगर निगम क्षेत्र में घूम रहे आवारा कुत्तों का बांध्यीकरण हो पाएगा ।  

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आगरा नगर निगम द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान में एक नया रिकॉर्ड भी कायम कर दिया है। पूरे यूपी में आगरा नगर निगम एकमात्र नगर निगम है जिसने इतनी बड़ी तादाद में श्वान बांध्यीकरण पर काम किया है और 1 साल के भीतर इतनी बड़ी तादाद में बांध्यीकरण के मामले सामने आए हैं। दरअसल आवारा कुत्तों के हमले की शिकायत के बाद राज्य सरकार ने सभी नगर निगमों को इस पर काम करने के लिए दिशा निर्देश दिए थे इसी के तहत आगरा नगर निगम भी इस पर तेजी से काम कर रहा है। नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक श्वान बांध्यीकरण की प्रगति रिपोर्ट प्रतिदिन राज्य सरकार को भेजी जाती है। दरअसल आगरा में तआवारा कुत्तों के हमले से कई पर्यटक व स्थानीय निवासियों को भी कुत्तों के हमले का शिकार होना पड़ा है। जिसके कारण डॉग बर्थ कंट्रोल को लेकर नगर निगम ने यह अभियान 2010 में शुरू किया था लेकिन 2 सितंबर 2022 से इस अभियान को गति मिली है । 

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इस अभियान की निगरानी कर रहे आगरा नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी अजय कुमार सिंह बताते हैं कि कानून के मुताबिक कुत्ते को किसी और जगह नहीं छोड़ा जा सकता इसलिए इनके जनसंख्या नियंत्रण ही एक मात्र विकल्प है । डॉग स्टेरलाइजेशन से नर एवं मादा की प्रजनन क्षमता बिल्कुल समाप्त हो जाती है साथ ही इनकी उग्रता में भी कमी आती है। खर्च के आंकड़े पर अजय कुमार सिंह सफाई देते हुए कहते हैं कि अगर एक व्यक्ति को कोई भी कुत्ता काटता है तो उसके वैक्सीनेशन पर₹5000 से ज्यादा का खर्च आता है। लेकिन एक कुत्ते के बंधिकरण पर मात्र 1139 का खर्चा आता है इससे इसके जनसंख्या नियंत्रण और उग्रता दोनों पर नियंत्रण होता है । साथी अगर स्टेरलाइज डॉग अगर किसी व्यक्ति पर हमला कर काट भी लेता है तो उसे किसी प्रकार का खतरा नहीं होता क्योंकि एआरसी अभियान के तहत एनिमल रेबीज वैक्सीन भी इन कुत्तों को दी जाती है ।

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