बरेली: गोपाष्टमी पर एक तरफ पूजा, दूसरी तरफ भटकती रहीं गायें, गोशालाओं में पूजन हुआ तो कई जगह मिली बदहाल तस्वीर 

पीलीभीत रोड, सौ फुटा समेत तमाम स्थानों पर गायें कूड़े में खाने को तलाशती नजर आईं

बरेली: गोपाष्टमी पर एक तरफ पूजा, दूसरी तरफ भटकती रहीं गायें, गोशालाओं में पूजन हुआ तो कई जगह मिली बदहाल तस्वीर 

बरेली, अमृत विचार: सोमवार को गोपाष्टमी यानी गोमाता की पूजा का दिन था। शहर और ग्रामीण क्षेत्र की कुछ गोशालाओं में प्रतीकात्मक गो-पूजन किया गया, लेकिन तमाम जगह गाय भूख से बेहाल दिखी तो कहीं चारा-पानी के लिए मारी-मारी फिर रही हैं। आवारा भटकती इन गायों का हाल लेने वाला कोई नहीं। सड़कों पर लगे कूड़े के ढेर में निवाला ढूंढती गायों के लिए न खाने की उचित व्यवस्था है न बीमार होने पर उनके उपचार का कोई ठोस प्रबंध।

कहने को हाल में शुरू की गई पशु एंबुलेंस सेवा भी जिले में बेहाल है। पशुपालन विभाग के अनुसार जिले की गोशालाओं में लाखों निराश्रित गोवंश हैं। लेकिन, एक सच यह भी कई हजार निराश्रित गोवंश के लिए आज भी कोई आसरा नहीं है। शहर के प्रमुख मार्गों के अलावा गली मोहल्लों में गाय घूमते दिखती हैं।

उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। पिछले दिनों बरेली दौरे पर आए पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने भी निराश्रित गोवंश को लेकर कहा था कि यह चिंता का विषय है। अभियान चलाकर ऐसे गोवंश गोशाला भेजे, लेकिन जिले में कोई खास पहल नहीं हो सकी।

पीलीभीत रोड: गोपाष्टमी के दिन जहां गायों की पूजा की जा रही थी, वहीं दूसरी तरफ पीलीभीत रोड पर सेटेलाइट बस स्टैंड के पास गोवंशीय पशु कूड़े के ढेर में निवाला ढूंढते नजर आए। इन बेसहारा गायों को सहारा देने में सिस्टम भी फेल नजर आया। चारे की व्यवस्था न होने पर गायें साड़े गले भोजन से ही भूख मिटाती हैं। सोमवार को एयरफोर्स से मंडी समिति को जाने वाले रोड के बराबर खाली प्लाट ऐसा ही दृश्य दिया।

सौ फुटा रोड: सौ फुटा रोड पर अक्सर गोवंशीय पशु हादसे का शिकार होते है, मगर अफसोस भटकती गायों का हाल लेने के लिए जिम्मेदारों की नींद नहीं टूट रही है। गोपाष्टमी पर गायों को गोद लेने की भी परंपरा है, मगर इनकी किस्मत भला ऐसी कहां है।

कुतुबखाना रोड: चौपुला से कुतुबखाना जाने वाली सड़क पर रोजाना भटकते हुए गोवंशीय पशु देखे जा सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी छुट्टा पशुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। एक ओर जहां किसान इनके फसल बर्बाद किए जाने से परेशान रहते हैं तो वहीं शहर में गोवंशीय पशु भूखे प्यासे भटकते रहते हैं।

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