मुरादाबाद : 38,000 छात्र-छात्राओं को ड्रेस के लिए धनराशि का इंतजार

सत्र के सात महीने बीत गए, किसी के पास स्वेटर नहीं तो कोई पुराने कपड़े पहनकर पहुंच रहा स्कूल

मुरादाबाद :  38,000 छात्र-छात्राओं को ड्रेस के लिए धनराशि का इंतजार

 कंपोजिट विद्यालय पुलिस लाइन में बच्चों को पढ़ातीं शिक्षिका।

विनोद श्रीवास्तव, अमृत विचार। अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के समान बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों को खड़ा करने की कई योजनाएं चलने के बाद भी खामियां शिक्षण व्यवस्था पर हावी हैं। बच्चों के हाथ में कई महीने कापी-किताब नहीं मिलती तो सत्र के सात महीने बीतने के बाद भी नई यूनीफार्म (ड्रेस) नहीं मिली। जिले के 1401 स्कूलों में पढ़ने वाले 38,000 छात्र-छात्राएं नई यूनीफार्म के इंतजार में हैं। स्थिति यह है कि ठंड से बच्चे ठिठुर रहे हैं क्योंकि अधिकांश के पास स्वेटर, जूता-मोजा नहीं है। 

सब पढ़ें सब बढ़ें का नारा केवल दीवारों व विभागीय फाइलों पर में ही अधिक दिख रहा है, मगर धरातल पर यह बेदम साबित हो रहा है।  स्थिति यह है कि एक अप्रैल से प्रारंभ हुए वर्तमान शैक्षणिक सत्र के सात महीने बीत चुके हैं। लेकिन, बेसिक शिक्षा विभाग के महानगर से लेकर देहात तक के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में पढ़ने वाले 38,000 छात्र-छात्राओं को नई यूनीफार्म और स्टेशनरी नहीं मिली है। वह पुरानी ड्रेस या घर के कपड़ों में स्कूल पहुंचकर खुद के भविष्य को संवारने की जद्दोजहद कर रहे हैं। शुक्रवार को बारिश के बाद ठंड में ठिठुरते हुए कई बच्चे स्कूल पहुंचे, जबकि शिक्षकों के शरीर पर गर्म कपड़े चढ़ गए हैं। सरकारी सुविधाएं भी समय से न मिलने से देश के इन कर्णधारों का मनोबल टूटता है। सत्र के आखिर में सुविधा मिली भी तो उसकी सार्थकता फिर अगले सत्र में ही होती है। 

यह है बानगी 
बेसिक शिक्षा परिषद के नगर क्षेत्र में 64 स्कूल संचालित हैं। पुलिस लाइंस स्थित कंपोजिट विद्यालय में शुक्रवार को अमृत विचार की टीम ने देखा कि विद्यालय में पढ़ने वाले कई बच्चों के पास पुरानी ड्रेस थी। कई बिना स्वेटर के थे। इस विद्यालय में दो शिक्षिकाओं की तैनाती है। जिसमें शुचि शर्मा अवकाश पर रहीं। स्कूल में सहायक अध्यापिका लक्ष्मी देवी मौजूद थीं। पंजीकृत 39 में से 31 छात्रों की उपस्थिति थी। सहायक अध्यापिका से यूनीफार्म मिलने की स्थिति पर जवाब मिला कि कई पुराने ड्रेस में आ रहे हैं। यूनीफार्म की धनराशि अभिभावकों के खाते में जाती है। 

सरकार आधार से लिंक खाते में भेजती है 1100 रुपये  
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को यूनीफॉर्म के लिए सरकार की ओर से डीबीटी ( डायरेक्ट टू बेनिफिट) के माध्यम से 1100 रुपये की धनराशि आधार कार्ड से  लिंक छात्रों के अभिभावकों के बैंक खाते में भेजी जाती है। इस पैसे से अभिभावकों को बच्चों के लिए दो सेट ड्रेस, एक स्वेटर, जूता मोजा खरीदना होता है। हालांकि कई अभिभावक ऐसे भी होते हैं जो खाते में पैसा आने के बाद उसका उपयोग दूसरे कार्यों में कर लेते हैं। जिससे उनके परिवार के बच्चे पुरानी यूनीफार्म में स्कूल जाने को विवश रहते हैं। 

बगैर प्रश्नपत्र करा ली अर्द्धवार्षिक परीक्षा
कक्षा एक से आठ तक के छात्रों की अर्द्धवार्षिक परीक्षा कराई गई। प्रश्नपत्र प्रधानाध्यापक के स्तर पर ही तैयार होना था। लेकिन बिना प्रश्नपत्र ही परीक्षा करा ली गई।

छात्र-छात्राओं की यूनीफॉर्म के लिए पहले चरण में 1,32,154 के खाते में धनराशि भेजी गई। 38,000 के खाते में धनराशि नहीं गई है। जल्द ही भेजी जाएंगी। बजट न होने से अर्धवार्षिक परीक्षा में प्रश्नपत्र नहीं बन पाए।-अजीत कुमार, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी

ये भी पढ़ें : मुरादाबाद : दिवाली पर माहौल बिगाड़ने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

ताजा समाचार

मुरादाबाद : 'जुआ खेलते थे मुलायम सिंह यादव, जुए में जीती थी साइकिल', AIMIM नेता का विवादित बयान
Exclusive: योगी की अगुवाई में Kanpur में डिफेंस कॉरिडोर को मिल रही नई ऊंचाई, कॉरिडोर से जुड़े इन कामों में आई तेजी
लखीमपुर खीरी : पुरानी रंजिश में युवक को मारी गोली, लखनऊ ट्रामा सेंटर में भर्ती
आंखों को रगड़ने से डैमेज हो सकती है कार्निया, अभी हो जाए सावधान
मुरादाबाद : राज्यसभा सांसद अरुण सिंह ने कहा- सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी मानसिकता बदलें
Kanpur: युवाओं को सता रही 'होम सिकनेस', रोजगार मेले में ठुकरा रहे नौकरी, अब सेवायोजन विभाग उठाएगा ये कदम...