पीलीभीत: आखिरकार पकड़ में आ ही गई खेतों में डेरा जमाए बैठी बाघिन, चार डॉट लगने पर हुई बेहोश!

पीलीभीत: आखिरकार पकड़ में आ ही गई खेतों में डेरा जमाए बैठी बाघिन, चार डॉट लगने पर हुई बेहोश!

पीलीभीत/ माधोटांडा, अमृत विचार।  माला रेंज में आबादी के नजदीक कई दिनों से दस्तक देकर ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन चुकी बाघिन पीलीभीत टाइगर रिजर्व और सामाजिक वानिकी की टीम के द्वारा रेस्क्यू कर ली गई।जमुनिया खास गांव में गन्ने के खेत में डेरा जमाए बैठी  बाघिन को चार डॉट मारने के बाद ट्रैंक्यूलाइज किया गया और फिर पिंजरे में कैद कर टीम साथ ले गई। अब उसका परीक्षण किया जाएगा।

बता दें कि मंगलवार को माला रेंज से सटे गांव जमुनिया में बाघिन कब्रस्तिान के नजदीक एक गन्ने के खेत में पहुंच गई। वहां एक सुअर का शिकार करने के बाद उसे खा रही थी। खेतों पर काम करने पहुंचे ग्रामीणों की नजर बाघिन पर पड़ी तो भगदड़ मच गई। सूचना मिलने पर माला रेंज के एसडीओ मंयक और दिलीप सिंह मौके पर पहुंचे। लोकेशन ट्रेस करने के बाद वरिष्ठ अफसरों से वार्ता की।

बाघिन को ट्रैंक्यूलाइज करने की अनुमति मिलते ही तैयारियां शुरु कर दी गई। सामाजिक वानिकी के डीएफओ संजीव कुमार भी टीम के साथ पहुंच गए। करीब तीन बजे रेस्क्यू चालू किया गया। खेत के चारों तरफ से खाबड़ लगाकर घेराबंदी की। बाघिन को ट्रैंक्यूलाइज करने के लिए डॉ. दक्ष गंगवार के द्वारा पहली डॉट चलाई गई,  लेकिन डॉट लगाने के बाद भी वह बेहोश नहीं हुई। पुन: डॉट चलाई,  तो वह अर्ध बेहोश हो गई।

जब टीम उसे उठाने के लिए पहुंची,  तो जाल से निकलकर भागने लगी।  इस पर लगातार उसे दो डोज और दी गई। शाम करीब पांच बजे बाघिन पूरी तरह बेहोश हुई। फिर उसे स्टेचर पर लादकर लाए और पिंजरे में कैद कर दिया गया। बांसखेड़ा में कई दिन तक बाग में डेरा जमाए रखने वाली ही बाघिन बताई जा रही है। फिलहाल ग्रामीणों और वन विभाग दोनों ने ही राहत की सांस ली है।

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