पॉक्सो एक्ट व महिला उत्पीड़न के दोषियों को दिलाएं कड़ी सजा : अविनाश कुमार
झांसी, अमृत विचार। जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने सरकारी वकीलों से पॉक्सो और महिला उत्पीड़न के दोषियों के खिलाफ मजबूती से पैरवी करते हुए कड़े से कड़ा दंड दिलाने के लिए प्रभावी तरीके से काम करने को कहा है। यहां विकास भवन में शुक्रवार को आयोजित अभियोजन समिति के बैठक में जिलाधिकारी ने अधिक से अधिक वादों का निस्तारण और की गई कार्रवाई से सम्बन्धित प्रकरणों की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि जनपद न्यायालयों या अन्य दूसरे न्यायालयों में लम्बित अधिक से अधिक मामलों का निपटाएं, जो मामले बहस के योग्य हों उसमें बहस तथा जिसमें बहस हो चुकी हो उसमें कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाय। उन्होने मामलों में गवाहों की उपस्थिति पर भी बल देते हुए कहा कि अधिक से अधिक वादों में अभियुक्तों को सजा दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाए। गैंगस्टर, महिलाओं और बच्चों से संबंधित आपराधिक मामलों का निर्धारित समयावधि के अंतर्गत निपटाया जाना सुनिश्चित करें। लंबित मामलों की सूची तैयार करते हुए उन पर अधिक फोकस करें ताकि लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाया जा सके। शासन के निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन किया जाए।
उन्होंने कहा कि मुकदमों में प्रभावी तरीके से पैरवी की जाए। महिलाओं से संबधित हत्या, अपहरण, बलात्कार जैसी घटनाओं का चार्ट अलग बनाया जाए। उन्होंने पास्को एक्ट में पैरोकार की व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए कहा कि लक्ष्य निर्धारित करते हुए अधिक से अधिक दोषियों को सजा दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाए जिससे अपराधियों को यह संदेश जाए कि छोटा से छोटा अपराध करने पर भी वह सजा से बच नहीं सकते। उन्होंने मामलों को निपटाने में अच्छा प्रदर्शन करने वाले सरकारी वकीलों की प्रशंसा की और उनका उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि इसी लगन और प्रेरणा के साथ कार्य करें ताकि हर छोटे से छोटे अपराधी को भी सजा दिलाई जा सके।
समीक्षा बैठक में प्रर्वतन कार्यों से सम्बन्धित विवरण, आबकारी अपराधों के नियंन्त्रण के लिए मारे गए छापों का विवरण, कृषि प्रकोष्ठ द्वारा न्यायालय भेजे गए मामले, खाद्य अप मिश्रण निवारण अधिनियम केतहत कार्रवाई, श्रम विभाग से संबधित विवरण पत्र मिशन शक्ति से सम्बन्धित मामले पाक्सों एक्ट, जुवैनाइल एक्ट, आर्म्स एक्ट, एक्साईज एक्ट आदि पर गहन समीक्षा कर प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया गया। उन्होंने कहा कि जनपद के अपराधियों में कानून का भय होना अनिवार्य है ,वकील ऐसी पैरवी करना सुनिश्चित करें।
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