मुरादाबाद : नवरात्र में शक्ति दीदी पढ़ाएंगी महिला सुरक्षा का पाठ, इन बच्चों पर भी रखेंगी नजर
15 से स्कूल, मॉल, पूजा पंडाल में पहुंचेंगीं शक्ति दीदी, गुड टच-बैड टच की देंगी जानकारी
मुरादाबाद, अमृत विचार। प्रथम नवरात्र से शक्ति दीदी कक्षा छह से आठ के स्कूलों में पहुंचकर महिला सुरक्षा का पाठ पढाएंगी। छात्राओं संग प्रधानाचार्य से लेकर आया, बस और वैन चालक तक की गतिविधियों को जानेंगी। पुलिस का मानना है इन कक्षाओं की छात्राओं की ऐसी उम्र होती है कि वह गुड टच-बैड टच को समझ नहीं पाती हैं और वह यौन शोषण का शिकार हो जाती हैं। वे अपनी बात कहने में झिझकती हैं, डरती हैं, मन में उनके तमाम तरीके के सवाल होते हैं। इसलिए, ये वर्दीधारी शक्ति दीदी छात्राओं से बात करेंगी और उनकी बात को समझेंगी भी। वर्दी में बच्चों के बीच जाने के मतलब है सुरक्षा की भावना उत्पन्न हो।
15 अक्टूबर से शुरू हो रहे अभियान के अंतर्गत स्कूलों में शक्ति दीदी छात्राओं से पूछेंगी कि वह स्कूल में बैड मैन के रूप में किसे देखती हैं। स्कूल, पूजा पंडाल व बालिका बाहुल्य वाले अन्य स्थानों पर ये कार्यक्रम शक्ति दीदी अभियान के तौर पर संचालित करेंगी। उद्देश्य है कि बालिकाओं को बिना झिझक के अपनी बात कहने के लिए उन्हें तैयार करना। यदि वे किसी कारण से अपनी बात नहीं कह पाती हैं, तो कागज पर समस्या लिखकर शिकायत पेटिका में डालें। इस पेटिका को शक्ति दीदी ही खोलेंगी और बालिका का नाम गोपनीय रखकर कार्रवाई भी करेंगी। इसलिए प्रत्येक विद्यालय में एक-एक शिकायत पेटिका भी रखी जा रही है। इस पेटिका पर शक्ति दीदी का मोबाइल नंबर भी लिखा होगा।
सहायक नोडल अधिकारी शैलजा मिश्रा कहती हैं कि मिशन शक्ति कार्यक्रम पहले से संचालित है लेकिन, इसे अब शक्ति दीदी अभियान से जोड़कर सीधे उन बच्चियों की जागरूकता पर फोकस किया जा रहा है, जो जूनियर कक्षाओं में पढ़ती हैं या 15-16 साल तक की आयु वाली हैं। इन बच्चियों में समझ कम होने से वह आसानी से यौन शोषण, तस्करी का शिकार होती हैं। इसीलिए पॉक्सो एक्ट के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
कार्टून वाले पंपलेट में बच्चियों को समझाई है सुरक्षा
सहायक नोडल अधिकारी बताती हैं कि बालिका सुरक्षा के प्रति पुलिस की तरफ जारी पंपलेट में कार्टून वाले चित्रों के माध्यम से छोटी बच्चियों को समझाया गया है। ये पंपलेट स्कूल व सार्वजनिक स्थलों पर शक्ति दीदी बच्चियों, महिलाओं को उनकी जागरूकता के लिए बांट रही हैं। पपंलेट ‘असुरक्षित स्पर्श से रखना दूरी’ के स्लोगन पर है। उनका कहना है कि कक्षा छह से आठ तक की बच्चियों में निजी अंगों के बारे में भी समझ नहीं होती है। इसलिए काफी सरल शब्दों में कार्टून वाले चित्रों संग बच्चों को समझाया गया है। इस पंपलेट में शक्ति दीदी का मोबाइल नंबर भी लिखा है।
अभिभावक मीटिंग में पहुंचेगी शक्ति दीदी
शक्ति दीदी इन स्कूलों में होने वाली अभिभावक मीटिंग भी पहुंचेगी। बच्चों के अभिभावकों से भी बात करेंगी। उन्हें मोबाइल नंबर देंगी। उनसे उनके बच्चे के बारे में भी जानकारी लेंगी। बच्चे को उसकी समस्या के बारे में कैसे जानना है, इसके तरीके भी बताएंगी। इन सबके लिए 21 सितंबर को लखनऊ में सीओ शैलजा मिश्रा, महिला थानाध्यक्ष दीपा त्यागी, महिला सुरक्षा दल प्रभारी ज्योति चौधरी, नारी उत्थान केंद्र प्रभारी स्वाति गुप्ता प्रशिक्षण लेकर आई हैं। इन मास्टर ट्रेनरों ने जिले में शक्ति दीदी अभियान चलाने को अन्य महिला पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया है। एसएसपी हेमराज मीना समेत अन्य पुलिस अधिकारियों ने भी तमाम बारीकियां समझाकर प्रशिक्षित किया है।
शक्ति दीदी इन पर भी रखेंगी नजर
- स्कूल वाहन में बच्चों के सफर के दौरान होने वाली गतिविधियां।
- विद्यालय में प्रधानाचार्य, शिक्षक, आया व अन्य कर्मियों का बच्चों के प्रति वर्ताव।
- ट्यूशन टीचर और मुहल्ले में, राह चलते बच्चों को कोई परेशानी।
इन बच्चों पर भी रहेगा खास ध्यान
मास्टर ट्रेनर स्वाति गुप्ता बताती हैं कि भिक्षावृत्ति, बाल श्रम, मंद बुद्धि वाले बच्चों पर भी शक्ति दीदी का खास ध्यान रहेगा। पुलिस का मानना है कि इस तरह की बालिकाएं सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर होने से यौन शोषण का शिकार हो जाती हैं।
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