गदरपुर की हाईटेक मंडी बनकर तैयार, इसी सप्ताह लोगों को होगी समर्पित 

गदरपुर की हाईटेक मंडी बनकर तैयार, इसी सप्ताह लोगों को होगी समर्पित 

विनोद कुमार, गदरपुर, अमृत विचार। गदरपुर वासियों को बाईपास बनने से जाम से राहत मिल चुकी है, अब वह दिन भी दूर नहीं है कि मंडी के कारण शहर में लगने वाले जाम से भी इसी सप्ताह छुटकारा मिल सकेगा और गदरपुर के लोगों को करोड़ों की लागत से बनी मंडी समर्पित हो जायेगी।

मंडी समिति सचिव दिनेश कुमार तिवारी ने बताया कि इस सीजन में धान की खरीद का शुभारम्भ भी नई मंडी से ही किया जायेगा, जो इसी सप्ताह से शुरू हो सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि नई मंडी का उद्घाटन मुख्यमंत्री भी कर सकते हैं यदि वह नहीं आये तो कैबिनेट मंत्री अजय भट्ट भी इसका उद्घाटन कर सकते हैं, जिसकी तैयारियां अन्दर-अन्दर जोरों से की जा रही है, हालांकि अभी किसी अधिकारी एवं नेता ने पुष्टि नहीं की है।

गदरपुर की नवीन मंडी हाईटेक होगी। इस मंडी का निर्माण करीब 23 एकड़ भूमि में किया गया है, जिसमें 100 आढ़त की दुकानों का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में 80 दुकानें पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो चुकी हैं, जिसका एलॉटमेंट भी हो चुका है और 28 दुकानों के सामने पक्के फड़ भी शीघ्र तैयार हो जायेगा और शेष 20 दुकानें भी बन रही हैं जो शीघ्र ही तैयार हो जायेगी। इस मंडी निर्माण में करीब 33 करोड की लागत आयेगी। इस मंडी को पीडी जेड व्यवस्था से जोड़ा गया है जो सीधे रुद्रपुर निदेशालय से कनेक्ट रहेगी।

नई मंडी का निरीक्षण करने पहुंचे उपमहाप्रबंधक दिनेश कुमार खरे से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि बरसात के दिनों में पूर्व मंडी में पानी भर जाता था लेकिन अब नई मंडी में जल भराव की स्थिति से छुटकारा मिलेगा। किसान की फसल के लिए दुकानों के सामने 28 मीटर का टीन शेड होगा।

नई मंडी में एक दिन में किसानों का करीब 30 से 40 हजार कुन्तल धान या अन्य फसल को तोला जा सकेगा। नई मंडी में दो इलैक्ट्रोनिक कांटे लगाये गये हैं। एक कांटे पर किसान की भरी ट्रैक्टर ट्रॉली व दूसरे से खाली ट्रैक्टर ट्राली को तौला जा सकेगा। टीन शेड का निर्माण प्रारम्भ हो गया है, जो शीघ्र ही तैयार हो जायेगा। सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे भी लगाये जायेंगे और दो सुरक्षा गार्ड भी उपलब्ध होंगे। 

कुछ आढ़तियों में अन्दर ही अन्दर रोष  
गदरपुर नई मंडी निर्माण में कुछ कच्चे आढ़तियों को दुकानें अलाट नहीं हुई हैं। वह इस असमंजस की स्थिति में हैं कि वह अपना व्यापार कहां पर करेंगे। उनका कहना था कि नई मंडी में जाने से पहले वर्तमान आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा था कि जब तक सभी को दुकानें नहीं मिलेंगीं तब तक कोई भी नहीं जायेगा, लेकिन अब कुछ लोग अपनी वाहवाही लूटने के लिए इन सब बातों को भूलाकर आढ़तियों को ले जाने के प्रयास में जुटे हैं, जिससे कुछ आढ़ती व्यापारियों में अन्दर ही अन्दर रोष व्याप्त है। 

किसी को किराये पर देना असंवैधानिक 
नई मंडी में जिन आढ़तियों को दुकानें अलाट हुई हैं, वह किसी को किराये आदि पर नहीं दे सकेंगे। यह जानकारी देते हुए मंडी समिति योगेश कुमार तिवारी ने बताया कि यदि कोई ऐसा करते हुए पाया गाया तो उसके खिलाफ कार्यवाही अमल में लायी जा सकेगी। 

मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर दुकान अलाट नहीं होने की शिकायत की 
आढ़ती आशु चावला ने मुख्यमंत्री, प्रबंध निदेशक एवं मंडी समिति सचिव को भेजे गये पत्र में कहा कि मैं बजरंग ट्रेडिंग कम्पनी 1998 से मण्डी शुल्क अदा कर रहा हूं। मरे से मड़ी समिति के लेटर पेड पर लिखित रूप से लिया गया कि अगर मंडी बाहर जाये तो आपको कोई आपत्ति नहीं है। वहां पर दुकान मिलेगी तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी, लेकिन दुकान नये लाइसेंस धारी को दे दी गई है। हमें कोई फड़ भी नहीं मिला। आढ़ती का कहना है कि शिकायत पर अभी तक  गौर नहीं किया गया।