आधुनिक तकनीक के साथ पुलिस का चलना जरूरी: मुख्यमंत्री योगी

आधुनिक तकनीक के साथ पुलिस का चलना जरूरी: मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ, अमृत विचार। इतिहास इस बात का साक्षी है कि जिस भी फोर्स के साथ में उनका योग्य प्रशिक्षण-उपकरण व शस्त्र रहा है, वह हमेशा विजेता रहा है। लिहाजा आधुनिक तकनीक के साथ पुलिस का चलना जरूरी है। ऐसे में सूचना के आदान-प्रदान के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी लेना और उसे सही जगह पर पहुंचाने में पुलिस दूरसंचार विभाग की भूमिका होती है। पुलिस रेडियो मुख्यालय पर आयोजित पुलिस दूरसंचार स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री ने यह बात कहीं। यहां सबसे पहले सीएम को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जेसी बोस टेक्नोलॉजी प्रदर्शनी का उद्घाटन कर अवलोकन किया।

हम हाथी से हैंडसेट तक पहुंच गए

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार 1938 में अपने यहां वायरलेस सेट का प्रयोग किया था। वह यात्रा हरिद्वार कुंभ से प्रारंभ होती है। उस कुंभ में पुलिस रेडियो विभाग की स्थापना के साथ ही टेलीकम्युनिकेशन के किस साधन का उपयोग करें कि इतनी भीड़ में सूचनाओं का आदान प्रदान किया जा सके। उस समय पुलिस ने तीन हाथियों के दल का सहारा लिया था। फिर यह यात्रा आगे बढ़ती है। रेडियो मुख्यालय की स्थापना होती है और 2019 आते-आते हम हाथी से हैंडसेट तक पहुंच गए हैं। अब तो मोबाइल सेट के माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि पुलिस लाइंस व पीएसी वाहिनी में छोटा म्यूजियम भी होना चाहिए। यह हमारे इतिहास को वर्तमान पीढ़ी व स्कूली बच्चों को बता सकें कि कैसे हमने शून्य से शिखर की यात्रा तय की। उस यात्रा को बढ़ाते-बढ़ाते हम कहां तक पहुंचे। हम हथियारों में कहां से कहां तक पहुंचे। आज पुलिस के पास अच्छे साधन-शस्त्र आ चुके, लेकिन हमने पुराने को संरक्षित करके म्यूजियम का अंग नहीं बनाया। डंडे से प्रारंभ होकर हम कहां पहुंच चुके और कहां तक इस यात्रा को जाना है।

कुंभ में पुलिस रेडियो विभाग के कार्य उत्कृष्ट
उन्होंने 2019 में आयोजित प्रयागराज के कुंभ की चर्चा करते हुए कहा कि उसमें देश-विदेश से 24 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आए। इसकी सफलता देश-दुनिया के लिए कौतूहल का विषय था। उस आयोजन में बेहतरीन तालमेल के जरिए पुलिस रेडियो विभाग के माध्यम से किए गए कार्य उत्कृष्ट कोटि की श्रेणी में गिने जा सकते हैं। इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद, पुलिस महानिदेशक विजय कुमार, डीजी स्पेशल कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार, डॉ. संजय तरडे महानिदेशक (पुलिस दूरसंचार), निदेशक (पुलिस दूरसंचार) सुनील कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।

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