कौशल विकास निगम घोटाला: नायडू की याचिका पर अदालत तीन अक्टूबर को करेगा सुनवाई

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय कौशल विकास निगम ‘घोटाला’ मामले में प्राथमिकी निरस्त करने संबंधी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) नेता एन. चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगा। नायडू ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कथित घोटाले के संबंध में उनके खिलाफ प्राथमिकी को रद्द करने संबंधी याचिका खारिज कर दी गई थी।
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ याचिका पर तीन अक्टूबर को सुनवाई करेगी। उच्चतम न्यायालय ने 27 सितंबर को कहा था कि वह निचली अदालत को नायडू की पुलिस हिरासत संबंधी अनुरोध पर विचार करने से नहीं रोकेगी। इसने कहा था कि राज्य में 371 करोड़ रुपये के कथित घोटाले से संबंधित प्राथमिकी रद्द करने के अनुरोध पर एक नई पीठ सुनवाई करेगी। इस मामले में नौ सितंबर को गिरफ्तार किए गए नायडू की याचिका उच्चतम न्यायालय में दो पीठों के समक्ष सुनवाई के लिए आई थी, लेकिन कोई प्रभावी सुनवाई नहीं हुई।
शुरू में यह मामला न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एस. वी. एन भट्टी की पीठ के समक्ष आया था, लेकिन बुधवार को न्यायमूर्ति भट्टी ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। इसके बाद नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने तुरंत मामले का उल्लेख प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष किया और उस सप्ताह के दौरान छुट्टियों के मद्देनजर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया।
प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि नायडू की याचिका पर नई पीठ सुनवाई करेगी। उच्चतम न्यायालय में 28 सितंबर से दो अक्टूबर तक अवकाश के बाद तीन अक्टूबर से कामकाज शुरू होगा। नायडू (73) को 2015 में मुख्यमंत्री रहते हुए कौशल विकास निगम से धन के कथित दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिससे राज्य के खजाने को 371 करोड़ रुपये का कथित नुकसान हुआ था।
निचली अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत पांच अक्टूबर तक बढ़ा दी है। उच्च न्यायालय ने नायडू की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए 23 सितंबर को उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। उच्चतम न्यायालय ने 25 सितंबर को नायडू के वकील से कहा था कि वह मंगलवार को मामले का उल्लेख करें।
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