पीलीभीत: धूल के गुबार से परेशान शहरवासी, निर्माण कार्यों के कारण बढ़ी मुसीबत

पीलीभीत,अमृत विचार: शहर में सरकारी संस्थाओं द्वारा कराए जा रहे बेतरतीब निर्माण कार्य मुसीबत बनने लगे हैं। कार्यस्थलों के आसपास कहीं मिट्टी तो कहीं रेत के ढेर लगे हुए हैं। शहर का असम चौराहा तो इन दिनों धूल के गुबार में लिपटा रहता है। कमोवेश यही हाल नौगवा ओवरब्रिज के आसपास का भी है। शहर के अंदर के हालात और भी बदतर हैं।
शहर के बीचोंबीच गुजर रहे टनकपुर हाईवे के कच्चा फुटपाथ साल भर चली कवायद के बाद भी पक्का नहीं हो सका। गर्मी के मौसम में तेज हवा चलने और वाहनों के गुजरने से सड़कों और उसके किनारे पड़ी मिट्टी और रेत धूल का गुबार बन रही है। फिलहाल ये बेतरतीब ढंग से हो रहे निर्माण कार्य कब पूरे होंगे, उनका भी कोई अता-पता नहीं है।
इन बेतरतीब ढंग से कराए जा रहे निर्माण कार्यों और उड़ती धूल से लाजिमी है कि शहर का पर्यावरण भी प्रभावित होगा, मगर बंद कारों से आने-जाने वाले अफसरों और जनप्रतिनिधियों को इसकी तनिक भी परवाह नहीं है। मजबूरन खामियाजा सड़कों से गुजरने वालों को झेलना पड़ रहा है। सोमवार पूर्वान्ह अमृत विचार टीम ने शहर के कुछ हिस्सों का जायजा लिया तो यह बदरंग तस्वीर नजर आई।
सीन-एक
धूल का जंक्शन बन चुका है असम चौराहा
शहर के असम चौराहा पर जाने की सोच रहे हैं जरा सोच-समझकर जाइए। क्योंकि इस चौराहा पर महज 05 मिनट ठहरने में ही कपड़ों पर धूल की परत चढ़ रही है। वजह यह है कि यहां पिछले लंबे अरसे से एक फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। कार्यस्थल के दोनों ओर कच्ची एप्रोच रोड भी चल रही है।
हर तरफ मिट्टी ही मिट्टी बिखरी पड़ी है। सोमवार करीब 10.30 बजे यहां मामूली हवा चलने से हर तरफ धूल का गुबार ही गुबार ही नजर आया। आसपास के लोगों ने बताया कि काम कराने वाली संस्था कभी-कभार ही यहां पानी का छिड़काव कराती है।
सीन- दो
मंडी रोड: यहां भी आफत बन रहे कच्चे फुटपाथ
शहर के असम चौराहे से मंडी की ओर जाने वाला मार्ग भी इन दिनों मुसीबत का सबब बन रहा है। असम चौराहे पर धूल के गुबार से गुजरने के बाद इस मार्ग पर भी राहगीरों से धूल के थपेड़ों से दो-चार होना पड़ रहा है। यहां भी सड़क के दोनों तरफ एक बड़े दायरे में कच्चे फुटपाथ हैं।
इस फुटपाथ पर मिट्टी ही मिट्टी बिखरी पड़ी हुई है। सोमवार को कच्चे फुटपाथ से उड़ती मिट्टी के बीच ही दोपहिया वाहन सवार और राहगीर गुजरते दिखे। आसपास की दुकानों में भी धूल ही धूल दुकान दिखाई दी।
सीन-तीन
ओवरब्रिज एप्रोच रोड: यहां साल भर से धूल से जूझ रहे लोग
शहर के नौगवां ओवरब्रिज के दोनों तरफ की एप्रोच रोड के पास निर्माणाधीन फुटपाथ भी आने-जाने वालों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। यहां भी कार्यस्थल पर रेत और मिट्टी के ढेर लगे हुए हैं। काम भी बेहद धीमी गति से चल रहा है।
वैसे तो यहां करीब साल भर से लोग धूल और मिट्टी के बीच गुजर रहे हैं। इससे पहले यहां लंबे समय तक पालिका का नाला निर्माण मुसीबत बन रहा है, अब लोग फुटपाथ के नाम पर धूल और मिट्टी फांक रहे हैं। ओवरब्रिज के अंतिम छोर पर तो एक बड़े हिस्से में मिट्टी ही मिट्टी बिखरी पड़ी है।
छतरी चौराहे से गन्ना तिराहा तक धूल ही धूल
शहर में असम चौराहे से लेकर कचहरी तिराहा तक टनकपुर हाईवे के दोनों तरफ फुटपाथ बनाने की कवायद साल भर चलती रही, लेकिन जिम्मेदारों की हीलाहवाली के चलते यहां स्थिति आज भी जस की तस है। छतरी चौराहे से गन्ना तिराहा तक हाईवे के दोनों किनारों पर कच्चे फुटपाथ पर सोमवार को भी धूल के गुबार उठते दिखे। धूल के बीच ही दोपहिया वाहन और राहगीर निकलते दिखे। धूल के बीच गुजर रहे राहगीर भी जिम्मेदारों को कोसते नजर आए। हालांकि इससे आगे गौहनिया चौराहे से कचहरी तिराहा तक ऐसा ही हाल देखा गया।
कम ऊंचाई पर जमा हो जाते धूल के कण
समाधान विकास समिति विपनेट क्लब के जिला समन्वयक एवं पर्यावरणविद् लक्ष्मीकांत शर्मा के मुताबिक गर्मी के मौसम में धूल के कण पूरे वायुमंडल में फैल जाते हैं। जबकि ठंड में यह कम ऊंचाई पर ही रहते हैं। ऐसे में जब सड़कों पर वाहन दौड़ते हैं, धूल और धुआं उड़ता है तो धूल के कण आसपास के वायुमंडल में जमा हो जाते हैं। बेतरतीब निर्माण कार्य भी प्रदूषण में इजाफा करते हैं। इन सब वजहों से ही वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़ जाता है।
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