हल्द्वानी: प्रमुख मार्गों पर वातानुकूलित सेवा का अभाव, यात्रियों की सुविधा के लिये निगम नहीं ले रहा सुध

हल्द्वानी, अमृत विचार। परिवहन निगम एक तरफ लगातार अनुबंधित बसों को बढ़ावा दे रहा है लेकिन वहीं दूसरी तरफ निगम कुमाऊं के सबसे बड़े डिपो हल्द्वानी व काठगोदाम से कई प्रमुख मार्गों पर वातानुकूलित सेवाएं नहीं चला पा रहा है।
वर्तमान में हल्द्वानी व काठगोदाम डिपो से केवल दिल्ली और देहरादून मार्गों पर एसी और वॉल्वो सेवाएं चलाई जा रही हैं। जिसमें काठगोदाम डिपो की 11 वॉल्वो और 1 एसी जबकि हल्द्वानी डिपो की 1 एसी बस दिल्ली जाती हैं। वहीं देहरादून के लिए देहरादून डिपो की एक वॉल्वो और 1 एसी बस का संचालन होता है।
इसमें भी आये दिन वॉल्वो किन्हीं कारणों से निरस्त होते रहती है। जयपुर के लिए चलने वाली हाईटेक बस भी बूढ़ी होने के कारण बंद कर दी गई। 8-10 साल पहले तक जयपुर के लिये हल्द्वानी डिपो से हाईटेक बस का संचालन किया जाता था। लेकिन किमी. पूरे होने पर बस का संचालन बंद हो गया।
इसी तरह आगरा के लिए एसी बस का संचालन 2-3 महीने के लिये किया गया और गुणगांव रूट पर 1 वॉल्वो बस चलाई गई जिसे बाद में बंद कर दिया गया। लखनऊ के लिये कुछ समय वॉल्वो बस चलाई गई लेकिन ऑफ सीजन में चलाने के कारण यह घाटे का सौदा साबित हुआ जिस कारण इसे भी बंद कर दिया गया।
इन रूटों पर कोई बस नहीं
अमृतसर रूट पर एक भी बस नहीं चलाई जाती है। जबकि यहां प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर घूमने के लिये बड़ी संख्या में पर्यटक जाते हैं और वैष्णो देवी मंदिर के लिये भी यहां से लोग जाते हैं। इसी तरह शिमला हिमांचल के लिये भी बस का संचालन नहीं किया जाता है। यह हिल स्टेशन के साथ ही फेवरिट हनीमून डेस्टिनेशन के रूप में प्रसिद्ध है। यहां बस सेवा शुरू करने पर यात्रियों को सुविधा मिलने के साथ ही निगम को भी अच्छा खासा राजस्व प्राप्त होगा।
रीठा साहिब पर भी लंबे समय से बसों का संचालन बंद था। बीते दिनों इस मार्ग पर मुख्यालय से आई दो नई सीएनजी बसों का संचालन शुरू किया गया है।
इन प्रमुख रूटों पर नहीं चलाई जाती वातानुकूलित सेवाएं
चंडीगढ़, अमृतसर, गुणगांव, जयपुर, लखनऊ, आगरा, बरेली, प्रयागराज, फरीदाबाद, लुधियाना, शिमला, नोएडा सहित कई प्रमुख मार्गों पर एक भी वातानुकूलित सेवा का संचालन नहीं किया जा रहा है।
लंबे समय से निगम का बस बेड़ा बढ़ाने की उठ रही आवाज
मुख्यालय से कुमाऊं मंडल को निगम की नई बसें उपलब्ध कराई जाती हैं तो इन बसों को कई प्रमुख मार्गों पर वातानुकूलित सेवा के रूप में चलाया जा सकता है। लेकिन मुख्यालय से केवल सीएनजी बसें उपलब्ध कराई जा रही हैं। लंबे समय से निगम का बस बेड़ा बढ़ाने के लिये विभिन्न कर्मचारी यूनियन आवाज उठा रही हैं। लेकिन निगम मुख्यालय पर कोई असर नहीं हो रहा है।