कासगंज: जो सनातन धर्म के बारे में नहीं जानते वे करते हैं आपत्ति जनक टिप्पणियां - बाबा रामदेव

कासगंज: जो सनातन धर्म के बारे में नहीं जानते वे करते हैं आपत्ति जनक टिप्पणियां - बाबा रामदेव

कासगंज, अमृत विचार। हिंदू धर्म एक आस्था का विषय है। जो लोग सनातन धर्म के बारे में नहीं जानते हैं वे मूर्खता का परिचय देते हुए आपत्ति जनक टिप्पणियां करते हैं। सनातन धर्म में आस्था रखने वाला कोई भी व्यक्ति कभी किसी धर्म पर टिप्पणियां नहीं करता है।

सनातन धर्म सर्वोपरि है और हमारी संस्कृति भी इसी धर्म की देन है। यह कहा है बाबा रामदेव ने। जब वे पतंजलि योग पीठ हरिद्वार में अमृत विचार से विशेष बातचीत कर रहे थे। उन्होंने भारतीय शिक्षा बोर्ड को लेकर भी अपनी बात रखी। कहा कि शिक्षा बोर्ड सनातन धर्म के लिए बेहतर साबित होगा।

प्रश्न- स्वामीजी डीएमके सांसद ए राजा ने कहा है कि सनातन धर्म एचआईवी और कुष्ठ रोग जैसा सामाजिक कलंक है।
उत्तर- प्रेम, करुणा, सत्य, अहिंसा यह हमारे सनातन धर्म के मूल्य है। उन्हे तो राजनैतिक चमक पाने के लिए इस तरह की टिप्पणी करनी थी सो कर दी। वे नहीं जानते कि सनातन धर्म कितना पवित्र और सर्वोपरि धर्म है। जो लोग सनातन धर्म के बारे में गहराई से नहीं जानते हैं उन्हें ऐसी टिप्पणियों से बचना चाहिए। हमारे सनातन धर्म पर उंगली उठाने वालों को ईश्वरीय शक्ति सबक सिखाती है। 


प्रश्न- स्वामी जी भारत हिंदू राष्ट्र कब तक और किस तरह बन पाएगा।
उत्तर- यह कार्रवाई एक संवैधानिक व्यवस्था अंश है। हमारा संविधान हमें राष्ट्रहित की सीख देता है। जब संसद में संवैधानिक व्यवस्था के तहत यह कार्रवाई आगे बढ़ेगी तो भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा और भारत में जल्द ही यह प्रक्रिया आगे बढ़ेगी ऐसी हम आशा करते हैं। 


प्रश्न- स्वामी जी पाकिस्तान के तीन टुकड़े होने की बात आपने कहीं है, क्या ऐसा होगा।  
उत्तर- पाकिस्तान के तीन टुकड़े होने तय हैं। हम पहले भी कह चुके हैं और अभी भी कह रहे हैं, लेकिन अब यह कहना जल्दबाजी है कि हाल ही में पाकिस्तान के तीन टुकड़े हो जाएंगे। हमारे द्वारा कहीं गई पाकिस्तान के टुकडे  की बात एक दिन आवश्य सत्य होगी। 


प्रश्न- स्वामी जी भारतीय शिक्षा बोर्ड किस आधार पर देश में नई क्रांति लाने वाला है।
उत्तर- यह प्रश्न बड़ा है। इसलिए इस पर जितना बोला जाए, उतना कम है। हां इतना जरुर है कि भारतीय शिक्षा बोर्ड सनानत धर्म और भारत की संस्कृति को बढ़ावा देने वाला है। और इसी संकल्प के तहत इस बोर्ड का गठन हुआ है। इसके नतीजे बहुत ही सार्थक होंगे।  


प्रश्न- स्वामी जी कितने देशों में पतंजलि के उत्पाद विस्तारित हो चुके हैं।
उत्तर- ये तो सबको पता ही है कि विश्व के तमाम देशों में पतंजलि ने आयुर्वेद पद्धति को आगे बढ़ा दिया है और अभी लगभग आधा दर्जन और  देशों में इसका विस्तार होने वाला है। आयुर्वेद की पद्धति बहुत आगे बढ़ चुकी है। एलोपैथी माफिया आयुर्वेद के सामने नतमस्तक हो चुके हैं।

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