लखीमपुर-खीरी: रात भर घर के आंगन में टहलता रहा बाघ, घर वालों की अटकी रहीं सांसें

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लखीमपुर खीरी/ बिझौली, अमृत विचार। महेशपुर रेंज की बिलहरी बीट के जायका जंगल में रात लखैया निवासी परविंदर सिंह के घर के आंगन में बाघ पहुंच गया। घर पर पालतू कुत्तो के होने के कारण किसी तरह की जनहानि तो नहीं हुई पर पूरी रात परिवारवालों की सासें गले में अटकी रहीं। रात भर बाघ परविंदर सिंह के घर के आंगन में घूमते हुए दहाड़ता रहा।
दरअसल परविंदर सिंह का परिवार की रात में करीब नौ बजे खाना खाकर सो गया। रात में करीब 11.30 उनके पालतू कुत्ते के जोर जोर से भौकने की आवाज आई जिससे वह बाहर निकले उन्हें बाघ की दहाड़ सुनाई दी। आवाज काफी नजदीक से आती लगी तो वह उठकर देखने लगे। तब तक बाघ जंगल की तरफ भाग गया इस पर उन्होंने परिवार के लोगों को जगाकर सतर्क किया और किसी को भी बाहर जाने से मना कर दिया।
बाघ पूरी रात घर के आंगन में घूमता रहा। जब बाघ जंगल की तरफ चला गया तब परिवारजन ने राहत की सांस ली। घर के अंदर जानवर बंधे हुए थे लेकिन, कुत्तो के कारण बाघ जानवरों पर हमला नहीं कर सका। परविंदर सिंह ने बताया कि वन विभाग को कई बार सूचना देने के बाद भी कोई सुनवाई नही हो रही हैं रेंजर को फोन कर सूचना दी, फिर भी कोई सुनने वाला नही है, जबकि बाघ पहले भी उनकी गाय को निवाला बना चुका है।
नहीं पहुंचते वन विभाग के अधिकारी
ग्रामीणों द्वारा महेशपुर रेंज के अधिकारियों को निरंतर बाघ देखे जाने की सूचना दी जा रही है। वनकर्मी बाघ की सूचना पाकर भी मौका मुआयना करना जरूरी नही समझते। जिससे लोगों में गुस्सा है।
वन रेंज क्षेत्र में जहां भी बाघ या तेंदुआ देखने की सूचना मिलती है, वन कर्मियों को मौके पर भेजकर कांबिंग भी कराई जाती है। साथ ही बाघ, तेंदुआ विचरण की सूचना उच्च अधिकारियों को भी दी जाती है---नरेशपाल सिंह रेंजर महेशपुर रेंज।
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